2004 के बाद दूसरी बार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. 2013 के बाद फिर से कर्नाटक में बीजेपी सरकार दोबारा बनाने में नाकामयाब रही. दक्षिण के दुर्ग कहे जाने वाले कर्नाटक में बीजेपी की हारे से पार्टी को 3 बड़े नुकसान की बात कही जा रही है.
1. कर्नाटक में करारी हार के बाद बीजेपी के भीतर गुटबाजी और अधिक बढ़ेगी, जिसका नुकसान लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. कर्नाटक में बीजेपी के पास 25 सीटें हैं.
2. कर्नाटक में हार की वजह से दक्षिण का मिशन कमजोर होगा. दक्षिण भारत में लोकसभा की कुल 129 सीटें हैं. इनमें से बीजेपी के पास अभी सिर्फ 29 सीटें हैं.
3. कर्नाटक में बीजेपी की हार के बाद विपक्षी दलों में हलचल तेज होगी. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बीजेपी के खिलाफ 20 दलों का एक बड़ा गठबंधन बन जाए.
कर्नाटक में पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी की सीटों की संख्या आधी हो गई है. 2019 में ऑपरेशन लोटस के बाद बीजेपी के पास कुल 116 विधायक थे. कर्नाटक में बीजेपी के लिए अब तक का यह रिकॉर्ड आंकड़ा था.
बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत का एक्सपर्ट अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण करने में लगे हैं, लेकिन आइए इस स्टोरी में संख्या को आधार बनाकर हार का पूरा गुणा-गणित समझते हैं...
दक्षिण भारत में बीजेपी साफ- भारत के दक्षिण भाग में 5 राज्य है. तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल. तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके की सरकार है. केरल में सीपीएम, तेलंगाना में बीआरएस और आंध्र में वाईएसआर जैसी गैर कांग्रेसी- गैर बीजेपी दलों की सरकार है.
केरल और आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के पास एक भी सीट नहीं है, जबकि 2018 के तेलंगाना चुनाव में बीजेपी सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. तमिलनाडु विधानसभा में भी बीजेपी के पास सिर्फ 4 सीटें हैं. अब कर्नाटक में भी पार्टी 80 से नीचे सिमट गई है.
दक्षिण के पांचों राज्यों में विधानसभा की कुल 892 सीटें हैं. कांग्रेस की बात करें तो कर्नाटक में खुद की बदौलत और तमिलनाडु में सहयोगी के सहारे पार्टी सरकार में है. तेलंगाना और केरल में कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी में है. आंध्र में भी कांग्रेस का संघर्ष करती दिख रही है.
सीटों की बात करे तो केरल में कांग्रेस के पास 21, तेलंगाना में 5 और तमिलनाडु में 18 सीटें हैं. कांग्रेस कर्नाटक में 130 के आंकड़े को पार कर लिया है.
बात लोकसभा की करे तो 2019 में 303 सीट जीतने वाली बीजेपी को दक्षिण के 129 में से सिर्फ 29 सीटें ही मिली थी, जिसमें कर्नाटक की 25 सीटें शामिल हैं. दक्षिण के 3 राज्यों (तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश) में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था.
तेलंगाना में बीजेपी 4 सीटें जीतने में जरूर सफल हुई थी. कर्नाटक रिजल्ट के बाद दक्षिण में बीजेपी को नुकसान की संभावनाएं जताई जा रही है. ऐसे में लोकसभा में भी दक्षिण में पार्टी का जनाधार सिमटेगा.
दक्षिण राज्यों में कांग्रेस को 129 में से 27 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस केरल में 15, तमिलनाडु में 8, तेलंगाना में 3 और कर्नाटक में एक सीट पर जीत हासिल की थी.