यूपी: ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि देवकी नंदन कुम्हेरिया नहीं रहे, मथुरा में ली अंतिम सांस
ब्रज भाषा के बड़े साहित्यकारों में से एक देवकी नंदन कुम्हेरिया का मंगलवार को निधन हो गया. उन्होंने ब्रजभाषा को अपनी कई रचनाओं से उन्नत बनाया. वे 87 के थे.
मथुरा. एजेंसी. ब्रज साहित्य परिषद न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष और ब्रजभाषा के कवि एवं साहित्यकार देवकी नंदन कुम्हेरिया का निधन हो गया है। वे 87 वर्ष के थे. कुम्हेरिया ने मंगलवार सुबह बड़ा बाजार स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता थे. कुम्हेरिया ने 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध किया था, जिसके कारण उन्हें 19 महीने जेल में काटने पड़े थे. बाद में मुलायम सिंह यादव की पूर्व राज्य सरकार ने उन्हें लोकतंत्र सेनानी के रूप में सम्मानित किया था.
कुम्हेरिया ब्रजभाषा के मूर्धन्य कवि थे. पिछले छह दशक में ब्रज भाषा की अपनी कविताओं से कवि सम्मेलनों में हास्य की फुहारें छोड़कर मशहूर हुए कुम्हेरिया की ‘ब्रज रस माधुरी’, ‘पत्नी-पुराण’, ‘गिर्राज-वंदना’ तथा ‘हम फागुन में ससुरार गए’ जैसी रचनाएं हमेशा याद की जाती रहेंगी.
कई सम्मान मिले
उन्हें श्रीनाथद्वारा साहित्य-मण्डल ने ‘ब्रजभाषा-विभूषण’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया था. इसके अतिरिक्त उन्हें ‘श्री पीतलिया-स्मृति सम्मान’ तथा ‘महाकवि सूर सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया.
उप जिलाधिकारी राहुल यादव ने कुम्हेरिया के निधन को अपूरणीय क्षति बताया. पुलिस उपाधीक्षक सहित शहर के कई गणमान्य लोगों ने कुम्हेरिया के पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उन्हें उनके बड़े बेटे कृष्णकांत कुम्हेरिया ने मुखाग्नि दी.
ये भी पढ़ें.