राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अपने दोनों विधायकों से तटस्थ रहने को कहा है. पार्टी ने दोनों विधायकों के लिए सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान न तो कांग्रेस और न ही भाजपा के पक्ष में वोट देने का व्हिप जारी किया है. पार्टी ने दोनो विधायकों से न अशोक गहलोत को और न ही सचिन पायलट को वोट देने को कहा है और दोनों सदस्यों को तटस्थ रहने को कहा गया है. अशोक गहलोत का गुट बीटीपी विधायकों को सरकार का समर्थक मान रहा है. पार्टी ने पिछले माह हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में वोट डाला था.
हालांकि दोनों में से एक विधायक ने सरकार के पक्ष में सर्मथन जारी रखने की बात कही है. पार्टी अध्यक्ष महेशभाई सी वसावा ने दोनो विधायकों के लिए व्हिप जारी किया कि यदि सदन में शक्ति परीक्षण होता है तो 'आप विधायकों को विधानसभा में शक्ति परीक्षण में न तो कांग्रेस को वोट देंगे, और न ही भाजपा को वोट देंगे साथ ही, न ही आप अशोक गहलोत को वोट देंगे. न ही आप सचिन पायलट को वोट देंगे और आप दोनो सदस्य तटस्थ रहेंगे.’ पार्टी के प्रदेश प्रभारी रमेश भाई वसावा ने कहा कि यदि विधायक व्हिप को नहीं मानेंगे तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी.
मुख्यमंत्री निवास पर सोमवार को आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दोनो विधायक मौजूद थे. बीटीपी विधायक राम प्रसाद ने कहा कि सरकार को हमारा समर्थन जारी रहेगा.
दोनों विधायक अन्य विधायकों के साथ होटल में भी मौजूद थे.दूसरी ओर माकपा ने सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. माकपा नेता अमरा राम ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार का गठन हुआ है,लोकतंत्र, संविधान और धर्मनिरपेक्षता पर हमला हो रहा है. उन्होंने मध्यप्रदेश में चुनी हुई सरकार गिराई और सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग का दुरूपयोग करना भाजपा के लिये एक दिनचर्या बन गया है.
कांग्रेस के नेता माकपा विधायकों को उनका समर्थक मान रहे है. पार्टी के एक नेता कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने के बारे में नि