नई दिल्लीः कल बजट के बाद आज एबीपी न्यूज़ ने बजट सम्मेलन का आयोजन किया है. राजनीतिक जगत के बड़े दिग्गज इसमें बजट और आर्थिक व्यवस्था पर अपनी राय और विश्लेषण दे रहे हैं. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कल के बजट में हुए एलानों पर अपनी राय रखी और योजनाओं को पूरा कैसे किया जाएगा, इस पर विस्तार से चर्चा की.


मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि बजट में जो स्वास्थ्य के लिए सरकार स्कीम लेकर आई है उसके तहत 2000 करोड़ रुपये का आवंटन रखा गया है और इसका अगर 10 करोड़ परिवारों के हिसाब से देखा जाए तो 5 लाख रुपये नहीं बल्कि 40 रुपये बैठता है. तो इस स्कीम के पूरा होने का भरोसा कैसे किया जा सकता है. सरकार को किसानों के आंदोलन के चलते किसानों की याद आई और मोदी सरकार के 3.5 साल केवल आर्थिक मिस मैनेजमेंट के साल रहे हैं.


देश में नौकरियों के आंकड़े देखे जाएं तो चुनावी घोषणापत्र में जो कहा गया था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां हर साल दी जाएंगी और इस बजट में कहा गया है कि 70 लाख नौकरियां बढ़ाएंगी. जबकि 3 साल में 6 करोड़ नौकरियां आनी चाहिए थीं और अब तक सिर्फ 6 लाख नौकरियां दी गई हैं.


मनीष तिवारी ने कहा कि मैंने बजट के सारे दस्तावेज पढ़े और पाया कि 50 करोड़ लोगों के लिए एलान तो कर दिया लेकिन सरकार इसे करेगी कैसे, कुछ नहीं पता.


बीजेपी की ओर से संबित पात्रा ने एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम में कहा कि ये हर वर्ग का बजट है. मोदी सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखा है. नौकरीपेशा लोगों को राहत दी है. 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया है. ये नमोकेयर है और जैसे सरकार ने ओआरओपी, जीएसटी को संभव कर दिखाया वैसे ही सरकार इस स्वास्थ्य योजना को भी संभव कर दिखाएंगे. जिस तरह औआरओपी, जीएसटी पूरा कर लिए गए ऐसे ही 'आयुष्मान' योजना पूरी होगी.


सरकार ने नौकरियों के मोर्चे पर भी अच्छी सफलता हासिल की है और ये श्रम आयोग के आंकड़ों से जाहिर होता है. चीजें सुधर रही हैं. नोटबंदी पर पूरी दुनिया आखें फाड़ कर देखती रही लेकिन हमने करके दिखाया. जीएसटी पर 12 सालों तक नोंकझोंक चलती रही लेकिन मोदी सरकार ने इसे लागू किया. अब पैसा आएगा तो 50 करोड़ लोगों को हेल्थ बीमा मिलेगा. आज तक सरकार के पास नौकरी के कोई आंकड़े नहीं है. हम लोग 8 विभागों पर ही बात कर पाते हैं जबकि विभाग 150 से अधिक हैं. भारत में बहुत स्कोप है. प्रधानमंत्री देश के युवाओं के लिए ही 24 घंटे काम कर रहे हैं.


कांग्रेस की सरकार ने गरीबों के वास्तविक कल्याण के लिए काम किया होता तो मोदी सरकार को इतनी कोशिश नहीं करनी पड़ती. सरकार ने 76 फीसदी महिलाओं को रोजगार मुहैया कराया है. सरकार ने मुद्रा योजना के तहत लोगों को कर्ज मुहैया कराया है और इसके लिए लोगों ने कारोबार शुरू किया है और वो पूरे घर को भरण पोषण कर रहे हैं तो वो रोजगार का ही उदाहरण है. पकौड़े बना कर लोग हल्दीराम भी बने हैं. मजाक उड़ाना गलत है क्योंकि मोदी सरकार हर तरह का काम करने वालों का भी सम्मान करती है.


मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने देश को भ्रमित किया है. स्वामीनाथन फॉर्मूला लागू नहीं किया गया है. यूपीए की सरकार में एमएसपी 1000 रुपये बढ़ाई गई. सरकार ने कहा था दो करोड़ नौकरियां दी जाएंगी. दो करोड़ रोजगारों की बात नहीं हुई थी. पे-रोल नौकरियों पर बात की जानी चाहिए. ये वादाखिलाफी है. रोजगार की बातें की गई थी स्वरोजगार की नहीं.

संबित पात्रा ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 50 हजार लेकर कारोबार शुरु किया जा सकता है. मुद्रा योजना के तहत लोगों को स्वरोजगार दिया गया और सरकार ने किसानों के लिए बहुत काम किया है.

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