लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के बाद भी कोई शख्स कोरोना पॉजिटिव हो सकता है? इसको लेकर अलग-अलग विशेषज्ञों से बात की गई तो कुछ चौंकानवाली बात सामने आई है. ह्यूस्टन के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन का पूरा डोज लेने के बावजूद दर्जनों लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. इसका मतलब हुआ कि ये लोग वायरस से या तो फाइजर या मॉडर्ना का दोनों डोज या जॉनसन एंड जॉनसन का सिंगल डोज लेने के दो सप्ताह बाद संक्रमित हुए थे. डॉक्टरों ने उन मामलों को वैक्सीन फेल्योर के तौर पर जिक्र किया है.


दोनों डोज लगवाने के बाद 142 लोग कोरोना पॉजिटिव


स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर डैविड पेरसी बताते हैं कि वैक्सीन फेल्योर सभी वैक्सीन के साथ होता है लेकिन चिंता का कोई कारण नहीं है. डॉक्टर स्पष्ट करते हैं कि कोई भी वैक्सीन 100 फीसद सुरक्षित नहीं है. फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के बारे में 95 फीसद असरदार होने की बात कही जाती है. ह्यूस्टन में 577,000 से ज्यादा लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गई थी, लेकिन 142 लोग कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए.



स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि ये संख्या करीब 0.02 फीसद और उनमें से किसी को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी. अमेरिका के सबसे बड़े महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथोनी फाउची ने वैक्सीन फेल्योर के मुद्दों पर व्हाइट हाउस में कोविड-19 पर आयोजित रिस्पॉन्स टीम प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चर्चा की. उन्होंने बताया कि प्रतिरक्षित लोग अभी भी कई वजहों से संक्रमित हो सकते हैं, जैसे उनकी इम्यूनिटी का वक्त गुजरने के साथ कमजोर पड़ जाना या वैरिएन्ट के संपर्क में आना.


टीकाकरण के बाद संक्रमित होना है वैक्सीन फेल्योर 


डॉक्टर फाउची ने बताया कि गंभीर संक्रमण को रोकने में वैक्सीन अभी भी अत्यधिक प्रभावी है. उन्होंने कहा, "वास्तविक दुनिया में कोई भी वैक्सीन 100 फीसद प्रभाव पैदा करने की क्षमता नहीं रखती, जिसका मतलब है कि आप वैक्सीन फेल्योर की मिसालें वैक्सीन के असर की परवाह किए बिना हमेशा देखेंगे. मिसाल के तौर पर जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन के असर को घटाकर 64 फीसद कर दिया गया, जबकि वैक्सीन का दोनों डोज लगवा चुके लोगों में अनिवार्य रूप से कोई मौत या अस्पताल की जरूरत नहीं देखी गई."


डॉक्टर पेरसी कहते हैं कि वैक्सीन वही काम कर रही है जिसके लिए उसे बनाया गया था, लेकिन लेने का ये अर्थ नहीं कि आप अपनी सुरक्षा से लापरवाही बरतें. उन्होंने बताया, "लोगों को उससे पार सोचने की जरूरत है कि क्या मेरा टीकाकरण हो गया है. आपके आसपास मौजूद लोगों के बारे मे आपकी क्या राय है."


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