नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने क्रमश: 452 करोड़ रुपये और 72 करोड़ रुपये की दो बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच के सिलसिले में कई राज्यों में नौ स्थानों पर तलाशी ली. सीबीआई के एक अधिकारी ने यहां कहा कि एजेंसी ने अहमदाबाद स्थित वारिया इंजीनियरिंग वर्क्‍स प्राइवेट लिमिटेड, हिमांशु प्रफुल्लचंद वारिया, सेजल वारिया, कृष टेक-कॉन प्राइवेट लिमिटेड, अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत पर मामला दर्ज किया है. बैंक ने उसके साथ 452.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले की शिकायत की थी.


SBI ने की शिकायत


एसबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अहमदाबाद की कंपनी और उसके अधिकारियों ने बैंकों के संघ से 2013 से 2017 के बीच 452.62 करोड़ की धोखाधड़ी की है. अधिकारी ने कहा, "यह आरोप लगाया गया है कि 2013 और 2017 के बीच अभियुक्त ने एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक और विजया सहित बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा देने के लिए एक आपराधिक साजिश रची."


लोन सुविधाओं के नाम पर हुई धोखाधड़ी


अधिकारी ने बताया कि विभिन्न लोन सुविधाओं के मामले में बैंकों के साथ धोखाधड़ी की गई. एसबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने बुक्स ऑफ अकाउंट्स में हेरफेर किया और बैंकों के धन को डायवर्ट किया और बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 452.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की हुई.


अहमदाबाद में निजी कंपनी के आधिकारिक और आवासीय परिसरों और इसके निदेशकों सहित चार स्थानों पर गुरुवार को तलाशी ली गई और गुप्त दस्तावेजों की बरामदगी हुई.


गुजरात की निजी कंपनी पर मामला दर्ज


इस बीच 72.55 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने गोपाला पॉलीप्लास्ट लिमिटेड, मनीष महेंद्र सोमानी, मनोज महेंद्र सोमानी, किशोरीलाल सोंथालिया, अज्ञात लोक सेवक समेत अज्ञात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दूसरे मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शिकायत पर गांधीनगर, गुजरात स्थित एक निजी कंपनी और उसके निदेशकों और अज्ञात लोक सेवकों और अज्ञात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस फर्म में वर्ष 2017 से 2019 की अवधि के दौरान 72.55 करोड़ लगभग धोखाधड़ी की गई है.


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