कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद को आगे आई मोदी सरकार, शिक्षा से लेकर मासिक भत्ते का किया एलान
कोरोना की वजह से देश में तमाम बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं. केंद्र सरकार की तरफ से उनके लिए कई सुविधाएं देने का एलान किया गया है.
नई दिल्ली: देश इस वक्त कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. अब तक कोरोना की वजह से 3.23 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. तमाम बच्चों ने कोरोना की वजह से अपने माता पिता को खो दिया है. उन बच्चों की मदद के लिए अब केंद्र सरकार आगे आई है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से शनिवार को इस बारे में जानकारी दी गई. इसमें उन बच्चों के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सकेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बच्चों का सहयोग करने के लिए उपायों पर विचार-विमर्श के संबंध में एक बैठक की. पीएम ने कहा कि ‘‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’’ योजना के तहत ऐसे बच्चों का सहयोग किया जाएगा. मोदी ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं और उनका समर्थन और उनका संरक्षण करने के लिए सरकार हरसंभव सहयोग करेगी ताकि वे मजबूत नागरिक बन सकें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो.
अब तक 577 बच्चे कोरोना की वजह से हुए अनाथ
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एक अप्रैल से 25 मई के बीच की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस हफ्ते बताया था कि देश भर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं.
ये हुए बड़े ऐलान
1. कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 साल की उम्र के बाद मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) मिलेगा. वहीं 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये की निधि मिलेगी.
2. केंद्र सरकार की तरफ से इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. इन बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन दिया जाएगा और उसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगी.
3. इन बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 साल तक 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा. इस इंश्योरेंस का प्रीमियम पीएम केयर्स फंड से भरा जाएगा.
4. दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकन कराया जाएगा. जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में नामांकित कराया जाएगा. अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकित कराय जाएगा.
5. अगर बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसका शुल्क पीएम केयर्स कोष से दिया जाएगा और उसके स्कूल यूनिफॉर्म, किताब एवं कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा.
पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 1.73 लाख केस
भारत में कोरोना की दूसरी लहर लोगों के लिए काफी घातक साबित हो रही है. पिछले 24 घंटे में पूरे देश में कोरोना के 1.73 लाख केस मिले हैं और 3500 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. देश के अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन की वजह से संक्रमण के मामलों में कमी आई है, लेकिन अब भी रिकॉर्ड केस मिल रहे हैं.