Chhath Puja 2021 Sunset Timing Today: आज छठ है यानी सूर्य और प्रकृति की उपासना का महापर्व. छठ इकलौता ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते और उगते सूर्य की पूजा की जाती है. आज शाम सूर्यास्त के मौके पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. कल उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न होगी. इस मौके पर पटना से लेकर बनारस और दिल्ली से गोरखपुर तक छठ की रौनक देखते ही बन रही है. हम आपको पटना से लेकर दिल्ली तक छठ का हर रंग दिखाएंगे. आज तीसरे दिन शाम को डूबते सूरज को नदी या तालाब में खड़े होकर छठ व्रती अर्घ्य देंगे. देशभर में छठ की निराली छटा देखने को मिली. छठी मइया के घाट सज चुके हैं.  क्या दिल्ली, क्या मुंबई, क्या बंगाल, आज हर जगह है छठ का धमाल.


इस मौके पर दिल्ली में छठ पूजा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. दिल्ली पुलिस ने लोगों से DDMA की गाइडलाइंस और कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ छठ पर्व मनाने की अपील की है. वहीं वाराणसी में लोक आस्था के महा पर्व छठ को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. गंगा घाटों पर जमी मिट्टी को हटाने में प्रशासन जुटा हुआ है और नाविक समाज के लोग भी मदद कर रहे हैं. 


वहीं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज में संगम किनारे महापर्व छठ की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और कहा कि व्रतियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. बिहार में भी छठ पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. राजधानी पटना समेत कई इलाकों में घाटों की निगरानी के लिए NDRF की 13 टीमें और 70 बोट तैनात की गई है. साथ ही लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है. 






आइए जानें मुख्य शहरों में सूर्यास्त का समय  (Chhath Puja 2021 Sunset Timing Today) 


दिल्ली - शाम 5:30 बजे 
मुंबई -  शाम 6:01 बजे 
पटना -   शाम 5:03 बजे 
मुजफ्फरपुर - शाम 5:01 बजे 
रांची  -   शाम 5:05 बजे 
कोलकाता - शाम 4:54 बजे 
वाराणसी - शाम 5:12 बजे 
गोरखपुर - शाम 5:08 बजे 
प्रयागराज - शाम 5:16 बजे 
लखनऊ - शाम 5:17 बजे
जयपुर - शाम 5:38 बजे 
भोपाल - शाम 5:37 बजे 
रायपुर -  शाम 5:23 बजे 
लुधियाना - शाम 5:31 बजे 
अहमदाबाद - शाम 5:31 बजे 
भुवनेश्वर -  शाम 5:07 बजे
बेंगलुरु -  शाम 5:50 बजे
हैदराबाद - शाम 5:41 बजे


क्या है छठ का महत्व 


छठ सूर्य की उपासना का महापर्व है. सूर्यास्त और सूर्योदय दोनों रूप की पूजा इसमें की जाती है. छठ अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा वाला इकलौता पर्व है.  इस दिन सुहागिनें छठी मइया की पूजा करती हैं. पुरुष भी छठ का व्रत रखते हैं. महिलाएं छठी मइया से संतान के लिए मंगल कामना करती हैं. यह उत्सव 4 दिन चलता है. व्रती लगातार 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं.


छठ व्रत के होते हैं चार चरण
  
नहाय-खाय : छठ पूजा की शुरुआत होती है. 
नहाय-खाय : स्नान के बाद शाकाहारी भोजन करते हैं. 
खरना : दिनभर के उपवास के बाद शाम को प्रसाद ग्रहण. 
खरना : बिना नमक और चीनी के व्रत का प्रसाद बनाते हैं.
खरना : प्रसाद में चावल की खीर और घी वाली रोटी. 
संध्या अर्घ्य : डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 
संध्या अर्घ्य :  ठेकुआ और फल से अर्घ्य की परंपरा.
उषाकालीन अर्घ्य : उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. 
उषाकालीन अर्घ्य : अर्घ्य के बाद व्रती व्रत का पारण करते हैं. 


क्या होते हैं  छठ पूजा के नियम 


-महिलाएं और पुरुष कोई भी व्रत कर सकता है.
-इसमें साफ और नए कपड़े पहने जाते हैं. 
-आमतौर पर बिना सिलाई वाले कपड़े पहने जाते हैं.
-ज्यादातर महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं.
-व्रती को चार दिनों तक जमीन पर सोना होता है.
-सोने के दौरान साफ कंबल और चटाई का प्रयोग होता है. 
-व्रत के दौरान मांस, प्याज, लहसुन का प्रयोग नहीं होता. 


 क्या है अर्घ्य का विधान


-अर्घ्य के लिए बांस के सूप का प्रयोग की परंपरा है. 
-अर्घ्य में फल, ठेकुआ और गन्ना जरूरी चीजें हैं.
-अर्घ्य के सूप को पीले रंग से ढककर देना चाहिए. 
-अर्घ्य के दौरान मंत्र का जाप भी करना चाहिए. 
-मंत्र उच्चारण के साथ तीन बार अर्घ्य देते हैं.


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