Nuclear Weapons: चीन बहुत तेजी से अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है और साल 2027 तक उसके पास 700 परमाणु हथियार होंगे. बुधवार को पेश हुई एक रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने यह जानकारी दी है. पेंटागन ने रिपोर्ट में कहा है कि जितना अनुमान था चीन उससे कहीं तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ा रहा है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की योजना शताब्दी के मध्य तक अमेरिकी वैश्विक शक्ति के बराबर पहुंचने या उससे कहीं आगे निकलने में सक्षम होने की है.


रिपोर्ट के अनुसार छह साल के भीतर चीनी परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर 700 तक हो सकती है और 2030 तक यह संख्या 1,000 से ऊपर हो सकती है. हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि अभी चीन के पास कितने हथियार हैं. लेकिन एक साल पहले अमेरिकी रक्षा विभाग मुख्यालय पेंटागन ने कहा था कि उसके परमाणु हथियारों की संख्या 200 से कम है और इस दशक के अंत तक इसके दोगुना होने का अनुमान है. 


अमेरिका के पास अभी 3,750 परमाणु हथियार हैं और इसे बढ़ाने की उसकी कोई योजना नहीं है. 2003 तक अमेरिका के परमाणु हथियारों की कुल संख्या लगभग 10,000 थी. बाइडन प्रशासन अपनी परमाणु नीति की व्यापक समीक्षा कर रहा है. पेंटागन की यह रिपोर्ट दिसंबर 2020 तक जुटाई गई जानकारी पर आधारित है और इसलिए इसमें जनरल मार्क मिले की उन चिंताओं को शामिल नहीं किया गया है जो उन्होंने पिछले महीने चीनी हाइपरसॉनिक हथियार परीक्षणों को लेकर जताई थी.  


अमेरिका है चीन का मुख्य प्रतिद्वंदी


पेंटागन ने भविष्य के लिए चीन को सुरक्षा के लिए मुख्य चिंता घोषित किया हुआ है क्योंकि चीन पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी को साल 2049 तक वर्ल्ड क्लास फोर्स बनाने के अपने आधिकारिक प्लान पर काम कर रहा है. चीन अपना वर्चस्व हवा, समुद्र, अंतरिक्ष में बढ़ा रहा है. उसका मकसद अपनी ताकत को वैश्विक स्तर पर पेश करना है. फिलहाल यह रुतबा अमेरिका का है. ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में तनातनी बढ़ने के आसान हैं क्योंकि चीन उसे अपना हिस्सा मानता है लेकिन अमेरिका ताइवान को समर्थन देता है.


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