Bangladesh Violence: चीन ने बांग्लादेश के घटनाक्रम पर मंगलवार को बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह हिंसा प्रभावित देश की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘चीन बांग्लादेश के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है.’’


मंत्रालय ने कहा, ‘‘बांग्लादेश के एक मित्रवत पड़ोसी और व्यापक रणनीतिक साझेदार के रूप में चीन को पूरी उम्मीद है कि देश में जल्द ही सामाजिक स्थिरता बहाल हो जाएगी.’’ नौकरी में आरक्षण को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश अनिश्चितता के भंवर में फंस गया है, जिसके कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा.


एक महीने पहले 21 समझौतों पर किए थे हस्ताक्षर


हसीना ने एक महीने पहले ही बीजिंग की यात्रा की थी. उनकी यात्रा के दौरान बांग्लादेश और चीन ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी तक बढ़ाया था. हसीना ने आठ से 10 जुलाई तक चीन की यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग ने उनसे बातचीत की थी तथा दोनों देशों ने 21 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. अपनी बैठक के दौरान शी ने कहा था कि दोनों देशों ने अपने संबंधों को ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ के स्तर तक बढ़ा दिया है.


पढ़ाई के नाम पर बना रहा था स्लीपर सेल


वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विभिन्न देशों की खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाए गए इनपुट से यह पता चला है कि बांग्लादेश में भड़की हिंसा के पीछे पर जितना हाथ पाकिस्तान का है उतना ही चीन का भी है. बता दें कि पाकिस्तान द्वारा पढ़ाई के नाम पर बांग्लादेश में लोगों को फंड पहुंचाए जा रहे थे. पढ़ाई के नाम पर चीन बांग्लादेशी छात्रों का एक नेटवर्क बना रहा था और स्टूडेंट को स्लीपर सेल बनाने में भी चीन का हाथ है.


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