बीजिंग: डोकलाम से भारतीय सैनिकों को दो सप्ताह के भीतर हटाने के लिए चीन की ओर से ‘छोटे स्तर के सैन्य अभियान’ पर विचार किए जाने को लेकर चीन की सरकारी मीडिया में छपे लेख के बारे में पीएलए (People's Liberation Army) के सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि करने से इनकार किया, लेकिन कहा कि गतिरोध को बढ़ने से रोकने के लिए भारत को अपने सैनिक बिना शर्त वापस बुलाने चाहिए.


चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल रेन गुओकियांग ने यहां भारतीय मीडिया के शिष्टमंडल से कहा, ‘‘इस तरह की रिपोर्ट मीडिया और थिंकटैंक की राय को लीड करती हैं. आधिकारिक सूचना के लिए कृपया विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ताओं के बयानों का हवाला लीजिए.’’


सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने थिंकटैंक के हवाले से कहा था कि चीन डोकलाम इलाके से भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए दो सप्ताह के भीतर ‘छोटे स्तर के सैन्य अभियान’ पर विचार कर रहा है.


अखबार के अनुसार ‘शंघाई अकैडमी ऑफ सोशल साइंसेज’ के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के रिसर्चर हू झियोंग ने कहा था, ‘‘चीन डोकलाम में भारत के साथ लंबे समय तक सैन्य गतिरोध नहीं रहने देगा और भारतीय सैनिकों को दो सप्ताह के भीतर वहां से हटाने के लिए छोटे स्तर पर सैन्य अभियान चलाया जा सकता है.’’
भारतीय मीडिया के साथ दो घंटे की बातचीत के दौरान कर्नल रेन ने हू के दावों पर कमेंट करने से इनकार किया. बहरहाल, उन्होंने यह दावा किया कि डोकलाम चीनी क्षेत्र है और बीजिंग के पास इसका ‘ठोस कानूनी और ऐतिहासिक साक्ष्य’ है.


भारतीय सैनिकों पर चीनी सीमा में गैरकानूनी ढंग से प्रवेश करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चीन का रुख यह है कि भारतीय पक्ष को अपने सैनिकों को ‘तुरंत और बिना शर्त’ वापस बुलाना चाहिए.