चीन ने गाजा पट्टी में चल रहे संघर्ष के बीच खुलकर हमास का समर्थन किया है. चीन के अनुसार गाजा पट्टी के लोगों के पास हथियार उठाने का अधिकार है. उनके घर में लंबे समय से युद्ध चल रहा है और वह हथियार उठाकर इसका विरोध कर सकते हैं. चीन ने यह भी कहा कि औपनिवेशिक काल में कई देशों में ऐसा हुआ है. इस वजह से फिलिस्तीन के लोगों का हथियार उठाना उचित है, उनके पास ऐसा करने का अधिकार है.


चीनी विदेश मंत्रालय के कानूनी सलाहकार मा शिनमिन ने कहा कि फिलिस्तीनियों के पास सशस्त्र संघर्ष करने का आधिकार है, क्योंकि गाजा पट्टी में इजरायल लगातार युद्ध जारी रखे हुए है. चीन की तरफ से यह बात फिलिस्तीन के तर्क की चौथी सुनवाई में कही गई. फिलिस्तीन की तरफ से कहा गया था कि वेस्ट बैंक और पूर्वी येरूशलम में इजरायल अपने अवैध कब्जे को स्थायी बना रहा है.


फिलिस्तीनियों को हथियार उठाने का अधिकार
शिनमिन ने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों के पास विदेशी उत्पीड़न का विरोध करने और अपने देश की आजादी बनाए रखने के लिए हथियार उठाने का अधिकार है. इन लोगों का हिंसा करना आंतकवाद नहीं, बल्कि वैध सशस्त्र संघर्ष है. औपनिवेशिक काल में दुनिया के कई हिस्सों में ऐसा हुआ है. हालांकि, चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते कई जगहों पर अवैध कब्जा करता रहा है. हांगकांग सहित कई जगहों पर चीन ने बलपूर्वक विद्रोह को कुचला है.


7 अक्टूबर से जारी है संघर्ष
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1200 के करीब मौतें हुई थीं और 250 लोग बंधक बनाए गए थे. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की. एक नवंबर से एक सप्ताह का संघर्ष विराम हुआ था. इसके अलावा गाजा पट्टी पर लगातार युद्ध जारी है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यहां 29 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 69 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.


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