चांद की सतह के नमूने धरती पर लाने की तैयारी में चीन के अंतरिक्ष यान ने रविवार को चांद के पत्थर को सफलतापूर्वक एक अन्य ऑर्बिटर में भेजा. इस तरह का प्रयास करीब 45 वर्षों में पहली बार किया जा रहा है. ‘चांग ए’ अंतरिक्ष यान का लैंडर शुक्रवार को चांद से रवाना हुआ था. यदि मिशन सफल रहता है तो अमेरिका और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के बाद चीन चांद के चट्टानी पत्थर को धरती पर लाने वाला तीसरा देश बन जाएगा.


सरकारी मीडिया ने चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले से बताया कि यान स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह पांच बजकर 42 मिनट पर चांद का चक्कर लगा रहा था. इसके आधे घंटे बाद नमूने ऑर्बिटर में स्थानांतरित किए गए. चांद की सतह के नमूने लेकर आने वाले कैप्सूल के चीन के उत्तरी हिस्से में स्थित इनर मंगोलिया क्षेत्र में दिसंबर महीने के बीच तक उतरने की संभावना है.


1976 में पहली बार लाए गए थे नमूने 


इससे पहले चांद की सतह के नमूने 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के लूना 24 द्वारा धरती पर लाए गए थे. जानकारी के लिए बता दें कि 'चांग ई-5' चांद की सतह पर पहुंचने वाला चीन का तीसरा यान बन गया है. 'चांग ई-5' को चीन के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत चांद पर भेजा गया था.


मिल सकती है बड़ी कामयाबी 


रिपोर्ट के मुताबिक, चांद की सतह से मिट्टी और पत्थर इकट्ठा करने के लिए भेजे गए चांग ई-5 मून लैंडर में कैमरा, रडार, एक ड्रिल और स्पेक्ट्रोमीटर सेट किया गया था. अब इनका इस्तेमाल कर चांद की सतह से मिट्टी के बेहतर नमूने इकट्ठा किए जाएंगे. चंद्रमा की सतह पर 45 साल बाद ऐसा कोई अंतरिक्षयान उतरा है जो यहां से नमूना लेकर वापस लौटेगा। इसे बड़ी कामयाबी के तौर पर भी देखा जा रहा है.


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