नागरिकता संशोधन कानून: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और शिवसेना पर साधा निशाना
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद जगह-जगह इसका विरोध किया जा रहा है. इसी को लेकर मायावती ने भी अपनी नाराजगी जताई है. मायावती ने ट्वीट कर कांग्रेस और शिवसेना पर हमला किया.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने शिवसेना और कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी तक कायम है. इस लेकर मायावती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए.
पहला ट्वीट करते हुए मायावती ने लिखा, ''शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है''.
1. शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
दूसरे ट्वीट मायावती ने लिखा, ''किन्तु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?''
2. किन्तु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
वहीं तीसरा ट्वीट करते हुए मायावती ने लिखा,''अतः इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये. वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी''.
3. अतः इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद देश में लागू हो गया है. वहीं राजधानी दिल्ली से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक इस कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. असम में हालात बेकाबू हैं. असम में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. बिल के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी असम की सड़कों पर उतरे हुए हैं. नतीजा, राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है.
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
किन देशों के शरणार्थियों को मिलेगा फायदा?
इस कानून के लागू होने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी यानी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. मतलब 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तिथि तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. नागरिकता पिछली तारीख से लागू होगी.
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