(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SC/ST एक्ट फैसले पर राहुल का प्रदर्शन, सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से पक्ष नहीं रखने का लगाया आरोप
एससी-एसटी उत्पीड़न एक्ट को लेकर सुप्रीम के फैसले पर कांग्रेस का प्रदर्शन, प्रदर्शन में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुमारी शैलजा और एके एंटनी जैसे बड़े नेता शामिल हुए.
नई दिल्लीः एससी-एसटी उत्पीड़न एक्ट को लेकर सुप्रीम के फैसले पर कांग्रेस ने संसद परिसर में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुमारी शैलजा और एके एंटनी जैसे बड़े नेता शामिल हुए. कांग्रेस ने सरकार पर सही तरीके से अपनी बात नहीं रखने का आरोप लागाया है और मांग की है कि वह फैसले को बदलने के लिए रिव्यू पीटिशन डाले.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न एक्ट के तहत अब तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी. इस एक्ट के तहत आने वाली शिकायतों पर शुरुआती जांच के बाद ही मामला दर्ज करने का भी आदेश दिया गया है.
अगर किसी के खिलाफ एससी/एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज होता है, तो वो अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकेगा. अगर कोर्ट को पहली नज़र में लगता है कि मामला आधारहीन है या गलत नीयत से दर्ज कराया गया है, तो वो अग्रिम जमानत दे सकता है. सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग की आशंका के मद्देनजर उनकी गिरफ्तारी से पहले उनके विभाग के सक्षम अधिकारी की मंज़ूरी ज़रूरी होगी. बाकी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की इजाज़त ज़रूरी होगी.
इस एक्ट के तहत शिकायत मिलने पर DSP स्तर के अधिकारी प्राथमिक जांच करेंगे. वो ये देखेंगे कि मामला वाकई बनता है या सिर्फ फंसाने की नीयत से शिकायत की गई है. इसके बाद ही मुकदमा दर्ज होगा.