Coronavirus: बेरोज़गारी के भारी बोझ से परेशान है कुली वर्ग, सीएम केजरीवाल से की किराया माफ करने की अपील
कोरोना वायरस के कारण कुली वर्ग बेरोजगारी के भारी बोझ से परेशान है. पिछले तीन महीनें से रोजगार न मिलने के कारण कुली दोहरी मार झेल रहे हैं. अब कुली वर्ग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से किराया माफ करने की अपील की है.
दिल्ली: आज पूरी दुनिया में जानलेवा कोरोना वायरस के चलते जीने के मायने बदल चुके हैं. शहर वही हैं, लेकिन ज़िन्दगी अब नए सिरे से शुरू करनी होगी. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर बड़ी तादाद में कुली काम के इंतज़ार में बैठे हैं. कुली यात्रियों का टकटकी लगा कर इंतज़ार करते रहते हैं और जैसे ही कोई यात्री स्टेशन आता है, सभी कुली उस यात्री को इस उम्मीद में घेर लेते हैं कि शायद कुछ कमाई हो जाएगी. इनमें से ज़्यादातर कुली वायरस के डर से रोज़गार छिन जाने के कारण दो- ढाई महीने पहले अपने अपने गांव लौट गए थे. लेकिन गांव में भी कोई काम नहीं मिला. इस उम्मीद में कि रेल सेवाएं सामान्य होने वाली हैं, राजस्थान से वापस दिल्ली आ गए. लेकिन राजधानी में 8 दिन बीत जाने के बावजूद काम ना के बराबर है. किसी की पूरे दिन में कोई कमाई नहीं हो रही तो कभी किसी दिन अच्छी किस्मत हुई तो ज़्यादा से ज़्यादा 200 रुपये मिल जाते हैं.
मुख्यमंत्री से की किराया माफ करने की अपील
अब समस्या ये है कि 6 कुली एक कमरे में रहते हैं, जिसका किराया 7 हज़ार रुपये है. मकान मालिक सिर्फ एक महीने का नहीं बल्कि पिछले दो महीने का किराया भी मांग रहा है. कुली वर्ग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील कर रहा है कि उनका किराया माफ कर दिया जाए.
कुली भीम सिंह अपनी जेब से साबुन की एक टिकिया निकाल कर दिखाते हुए बताते हैं कि वो एक दिन में 10-15 बार अपने हाथ कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए धोते रहते हैं. कुली विकास कहते हैं कि पहले एक दिन में 800 से 1 हज़ार तक कमाई हो जाती थी तो परिवार का खाना पीना आसान था, लेकिन अब सब बदल गया है. कुली प्रमोद कहते है कि उन्हें रेलवे कि तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है, ना सैनिटाइजर मिलता है और ना ही मास्क. जब कमाई कुछ नहीं हो रही है तो मास्क वगैरह कहां से खरीदेंगे.
सभी कुली अपने परिवार को गांव में छोड़ आए हैं और रोज़गार के इंतज़ार में कभी इस पेड़ के नीचे तो कभी उस छज्जे के नीचे घंटों तपती धूप या बारिश में बैठे रहते हैं. गांव में मौजूद उनका परिवार आर्थिक मदद के इंतज़ार में बैठा है.
12 अगस्त तक नहीं चलेंगी रेगुलर ट्रेन
भारतीय रेलवे ने 25 जून को ऐलान कर दिया था कि किसी भी रेगुलर टाइम टेबल्ड पैसेंजर ट्रेन सेवा को 12 अगस्त तक रद्द कर दिया गया है. 12 अगस्त 2020 तक की रेगुलर ट्रेनों को रद्द करने के साथ ही पूरा रिफंड भी दिया जाएगा. लेकिन रेल सेवाओं की शुरुआत की महज़ खबर को सुनकर हज़ारों कुली राजधानी दिल्ली वापस पहुंच गए हैं, जिनके सामने अब बेरोज़गारी और चुनौती का पूरा डेढ़ महीना पड़ा है.
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