कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार ने तैयारी तेज कर दी है. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कोरोना वैक्सीन के रखरखाव के इंतजाम हो रहा है. वहीं  वैक्सीन के इंतजार के बीच भारत सरकार इसे लोगों को मुहैया कराने की तैयारी में लग गई है. सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन को लेकर जल्द एक ऐप आएगा. ये ऐप मोबाइल और कंप्यूटर पर उपलब्ध होगा. इस ऐप में जानकारी भरनी होगी कि आप फ्रंटलाइन वर्कर, सेकंड फ्रंट लाइन वर्कर ( फील्ड सर्विलांस, पैरामेडिक्स जैसे), बुजुर्ग (60 साल से ज्यादा है) या 50 साल से ऊपर है और कोई और बीमारी है, जैसी जानकारी अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर के साथ देनी होगी. ऐप पर डिटेल देने के बाद मैसेज के जरिए जानकारी दी जाएगी की कब और कहां आपको वैक्सीन दी जाएगी. जिनके पास मोबाइल या कंप्यूटर की सुविधा नहीं होगी वो लोग फ़ॉर्म भरकर सीएमओ के पास देंगे तो उन्हें वैक्सीन की जानकारी वहां से मिल जाएगी. फिलहाल ऐप अभी उपलब्ध नहीं है क्योंकि वैक्सीन अभी तैयार ( बनी नहीं है ना किसी रेगुलेटर से पास हुई है) नहीं है. वैक्सीन आने के बाद ये एप उपलब्ध होगा.


कोरोना की वैक्सीन अगले साल के मध्य तक उपलब्ध होगी


वैसे तो पूरी दुनिया में कई वैक्सीन बहुत एडवांस स्टेज में जा चुकी हैं. WHO की देखरेख में कोरोना की 170 वैक्सीन पर काम चल रहा है.जिनमें से 154 को अभी तक इंसानों पर टेस्ट नहीं किया गया है. 36 वैक्सीन को छोटे स्तर पर इंसानों पर टेस्ट किया जा रहा है. 16 वैक्सीन फेज 2 में हैं, जिन्हें थोड़ा बड़े स्तर पर टेस्ट किया जा रहा है,और सिर्फ 11 वैक्सीन तीसरे फेज में हैं, जिन्हें बड़े स्तर पर इंसानों पर आजमाया जा रहा है. हालांकि बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की वैक्सीन अगले साल के मध्य तक उपलब्ध हो जाएगी. लेकिन आम तौर पर किसी भी बीमारी का टीका बनने में कई साल लग जाते हैं. क्योंकि परीक्षण से ये साबित होना चाहिए की टीका सुरक्षित है. बता दें कि किसी भी परीक्षण में वैक्सीन को 4 ट्रायल से गुजरना होता है. हर ट्रायल में वैक्सीन का सुरक्षित साबित होना अनिवार्य है. टीका विकसित होने के बाद उसे लोगों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होती है. ऐसे में दुनिया के अरबों लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए रणनीति बनानी होगी.


भारत में 4 वैक्सीन का चल रहा है परीक्षण
जहां तक भारत की बात है तो यहां कुल 4 वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है. पहली है भारत बायोटेक और ICMR द्वारा तैयार स्वदेशी वैक्सीन, जिसे तीसरे और आखिरी चरण की मंजूरी दे दी गई है. तीसरा चरण का क्लीनिकल ट्रायल 10 राज्यों के 28 हजार लोगों पर किया जाएगा. इसके नतीजे अगले साल फरवरी तक आने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन है. पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा इसका तीसरे चरण का ट्रायल किया जा रहा है. तीसरी वैक्सीन जाइडस कैडिला की वैक्सीन है. इसका परीक्षण पहले और दूसरे चरण में है. चौथी वैक्सीन रूस की स्पूतनिक-V है. इसके दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति मिली है.भारत में इसका परीक्षण दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज कर रही है.


वैक्सीन कब तक आएगी ?
अनुमान के मुताबिक 2021 के शुरू के दो-तीन महीनों से वैक्सीन लोगों को लगाने के लिए उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी. वहीं बड़ा अनुमान यह है जुलाई अगस्त के महीने तक 20 से 25 करोड़ लोगों तक और उसमें एक महीना जोड़ ले तो 30 करोड़ लोगों तक वैक्सीन दी जा सकती है.

वैक्सीन को लेकर तैयारियां हुई शुरू


वैक्सीन के आने की भले ही अभी कोई तारीख तय नही हुई है लेकिन सरकारों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना की वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज सेंटर बनाने का काम शुरू हो गया है. ये कवायद इसलिए है, ताकि जब वैक्सीन आए, तो उसे रखने का पूरा इंतजाम हो. खास तौर पर ये निर्देश दिये गये हैं कि 15 दिसंबर से पहले प्रशासन को अपनी सभी तैयारियां पूरी कर लेनी हैं.


दिल्ली एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल पर भी तैयारियां शुरू


बता दें कि वैक्सीन को एक सेट टेंपरेचर पर रखा जाएगा. उससे नीचे या ऊपर अगर वैक्सीन को रखा जाएगा, तो उसके खराब होने की आशंका होगी. इसलिए दिल्ली एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल पर भी तैयारियां की जा रही हैं. जीएमआर का कहना है कि उसने कार्गो टर्मिनल को वैक्सीन के लिए तैयार करना शुरू कर दिया गया है. वहीं कोरोना वैक्सीन कूल चेन में ही रहे. कूल चेन टूटने ना पाये. टर्मिनल से फ्लाइट तक पहुंचाना, टर्मिनल तक लाने के दौरान टेंपरेचर मेंटेन रहे,  प्रक्रिया में में देरी ना हो आदि ये दूसरी चुनौतियां रहेंगी. ऐसे में इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर दो कार्गो टर्मिनल को तैयार किया जा रहा है. जीएमआर  के मुताबिक 25 डिग्री से 20 डिग्री तक जो भी उचित टेंपरेचर हो उस पर बनाये रखने के लिए व्यवस्था कर दी गई है.


पहले चरण में 25 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन देने की योजना

प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. इसके बाद प्रायरटी में फ्रंटलाइन वर्कर है, जिसमें पुलिसकर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और नगरपालिका कर्मी शामिल हैं. इसके बाद  65 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी. इनके बाद 50 साल से 65 साल के बीच वाले बुजुर्गों और बड़ी संख्या में जो बीमार हुए हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाएगा. उसके बाद स्वभाविक है जो 50 से कम हैं, लेकिन पहले से किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित है उनके बारे में भी विचार होगा. लेकिन इसके बावजूद पूरी 138 करोड़ की जनसंख्या को कोरोना की वैक्सीन नहीं दी जाएगी. कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी बनाने के लिए 60 से 70 प्रतिशत जनसंख्या को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. दावा है कि इससे भी वायरस की रोकथाम हो जाएगी. हालांकि भारत की 70% आबादी यानी 97 करोड़ लोगों को वैक्सीन की जरूरत होगी.

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