कोरोना वायरस महामारी की जंग लड़ रहे योद्धाओं के लिए बुरी खबर है. हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए 50 लाख का बीमा कवर को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है. बीमा योजना के तहत कोविड-19 की ड्यूटी में मौत होने पर हेल्थकेयर वर्कर्स के परिजनों को राशि मिलती है. पिछले महीने भेजे गए एक सर्कुलर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के खत्म होने के बारे में सूचित किया. हालांकि, 50 लाख रुपए का बीमा योजना के खत्म होने का समय 24 अप्रैल है, इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उनको नया बीमा कवर दिलाने के लिए फिलहाल नई बीमा कंपनी से बात की जा रही है.
हेल्थकेयर वर्कर्स को अब नहीं 50 लाख का बीमा कवर!
मंत्रालय के मुताबिक, गरीब कल्याण पैकेज के तहत हेल्थकेयर वर्कर्स 24 अप्रैल तक पुरानी बीमा कंपनी से दावे का निबटारा कर सकेंगे. उसके बाद हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए एक नई बीमा कंपनी बीमा कवर मुहैया कराएगी. पिछले महीने स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्कुलर में बताया गया कि बीमा कवर 24 मार्च को खत्म हो गया और मात्र 287 दावों का अब तक भुगतान किया गया है.
कोविड-19 के मोर्चे पर लड़ रहे वर्कर्स के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का पिछले साल मार्च में एलान किया गया था. शुरू में पहले बीमा योजना की अवधि 90 दिनों के लिए लागू किया गया, मगर बाद में बढ़ाकर एक साल के लिए कर दिया गया. इसका मकसद हेल्थकेयर वर्कर्स के परिजनों को वित्तीय सुरक्षा देना था. कोविड-19 की ड्यूटी में मौत हो जाने पर हेल्थकेयर वर्कर्स को 50 लाख बीमा कवर मिलता है.
बीमा कवर को केंद्र ने आगे नहीं बढ़ाने का किया फैसला
मंत्रालय के सर्कुलर में बताया गया कि बीमा योजना को तीन बार 24 मार्च तक बढ़ाया गया. योजना के तहत 287 दावों का अब तक बीमा कंपनी की तरफ से निबटारा या मंजूर किया गया है. हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, कम से कम 736 डॉक्टरों की मौत कोविड-19 के कारण हुई है.
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रवि वानखेडकर ने कहा, "गौर करने वाली बात है कि 736 मृतकों में से मात्र 287 डॉक्टरों के परिजनों को 50 लाख की राशि दी गई है. इस बीच, केंद्र सरकार ने महामारी के दौरान कोविड-19 की ड्यूटी पर तैनाती के वक्त मरनेवाले हेल्थकेयर वर्कर्स का सरकारी डेटा जारी नहीं किया है."
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