नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मुगल कालीन शीश महल के नवीनीकरण करने का फैसला किया है. इसके लिए करीब 2.5 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. दिल्ली के शालीमार बाग में पर्यटकों को आकर्षित करनेवाला शीश महल 17वीं सदी का स्मारक है. जहां मुगल बादशाह औरंगजेब की ताजपोशी हुई थी. शीश महल का निर्माण शाहजहां ने अपनी बेगम की याद में करवाया था. 1658 ई में मुगल बादशाह औरंगजेब को इसी स्थल पर ताज पहनाकर बादशाह का खिताब दिया गया.

शीश महल के नवीनीकरण के लिए बजट तय

एएसआई की योजना के मुताबिक, परिसर में दो पैवेलियन के बीच बंद पड़ चुके पानी के नाले को पुनर्जीवित किया जाएगा. इसके अलावा झरनों को भी सुसज्जित किया जाएगा. इसके लिए लाल बालू पत्थर राजस्थान और आगरा का इस्तेमाल किया जाएगा. पैवेलियन के टूटे फूटे पत्थरों की जगह राजस्थान और आगरा से मंगाया गया पत्थर लगाया जाएगा. एएसआई अधिकारियों ने बताया कि शीश महल की मरम्मत के लिए 70 लाख रुपये की पहली किस्त पहले ही मंजूर हो चुकी है.

पहली बार हो रहा बड़े पैमाने पर साज-सज्जा का काम

माना जा रहा है कि स्मारक के नवीनीकरण के पीछे दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल की अहम भूमिका है. उन्होंने एएसआई अधिकारियों के साथ चंद महीने पहले शीश महल का मुआयना किया था. इससे पहले भी एएसआई ने शीश महल संरक्षण का फैसला किया था. मगर किसी कारण वश उसे बीच में ही अधूरा छोड़ना पड़ा. एएसआई का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब जीर्ण शीर्ण स्मारक का बड़े पैमाने पर नवीनीकरण किया जाएगा. 1983 में एएसआई ने स्मारक की देखरेख का जिम्मा अपने संरक्षण में ले लिया था.

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