Coronavirus: सेना के जैसलमेर और जोधपुर क्वॉरन्टीन सेंटर में 10 कोरोना पॉजिटिव, तैयार किए गए खास सैनिटाइजिंग कैंप
सेना के जैसलमेर और जोधपुर स्थित वेलनेस सेंटर में 10 लोग कोरोनो पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी 10 भारतीय हाल ही में ईरान से किसी तीर्थ यात्रा से लौटे थे. इनमें से नौ जैसलमेर और एक जोधपुर का रहने वाले हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. खबर है कि सेना के जैसलमेर और जोधपुर स्थित वेलनेस सेंटर में ईरान से आए दस (10) भारतीय कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं. ये सभी इस सेंटर में 14 दिन के क्वॉरन्टीन के लिए रखे गए थे. कुल दस संक्रमित मामलों में अकेले नौ जैसलमेर कोरांटीन सेंटर के हैं. जबकि एक जोधपुर का है.
थलसेना के जैसलमेर स्थित वैलनेस क्वॉरन्टीन सेंटर में ईरान से तीन ग्रुप में कुल 484 भारतीय लाए गए थे. पहला बैच 15 मार्च को आया था जबकि एक अगले दिन यानि 16 मार्च को आया था.तीसरा बैच 18 मार्च को ईरान से सीधे यहां पहुंचा था.इन भारतीयों में अधिकतर लद्दाख के निवासी हैं जो ईरान तीर्थ-यात्रा के लिए गए थे.
जानकारी के मुताबिक, इनमें से एक शख्स को करीब दो दिन पहले कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था. पांच अन्य लोग सोमवार शाम को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गएं.क्योंकि ये सभी तीन अलग अलग ग्रुप में थे जिसमें एक ग्रुप महिलाओं का है, एक पुरूषों का है और तीसरा बुजर्ग लोगों का, ऐसे में जो ग्रुप 15 मार्च को आया था उनका कोरांटीन प्रीयिड खत्म हो गया था. लेकिन अब संक्रमण पाए जाने के चलते इस ग्रुप को अभी वापस घर नहीं जाने दिया जाएगा.
19 मार्च को खुद थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नें जैसलमेर आर्मी स्टेशन के दौरे के दौरान आर्मी वैलनेस सेंटर की कार्यों की समीक्षा की थी.आपको बता दें कि इस वक्त थलसेना के तीन कोरांटीन सेंटर्स जैसलमेर, जोधपुर और मानसेर में चल रहे हैं जहां ईरान, चीन, जापान और इटली से लाए गए भारतीयों को रखा गया है.
इस बीच खबर आई है कि भारतीय सेना बड़े पैमानै पर कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी कर ऱही है. थलसेना की पूर्वी कमान (कोलकता) ने बड़े बड़े कैंप स्थापित किए हैं जहां एक साथ बड़ी तादाद में संक्रमित लोगों को रखा जा सकता है. इन कैंप में सैनिक एनबीसी (न्युक्लिर कैमिकल बायोलॉजिकल) सूट-गियर में होंगे और सैनेटाइज करने के लिए खास एनक्लोजर बने होंगे. इस कैंप के ड्रिल की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आया है.
आपको बता दें कि सोमवार को ही सेना मुख्यालय ने सोशल मीडिया की उन खबरों का खंडन किया था जिसमें 14 अप्रैल यानी लॉकडाइन की अवधि खत्म होने के बाद देश में इमरजेंसी लगाए जाने की खबर थीं. साथ ही कहा जा रहा था कि इस इमरजेंसी में देश की सड़कों पर सैनिक, पूर्व-सैनिक, एनसीसी और एनएसएस के कैडेट तैनात होंगे.
असम के तेजपुर स्थित सेना के प्रवक्ता, कर्नल हर्षवर्द्धन के मुताबिक, कोरोना वायरस के बड़े स्तर पर फैलने के आंशका के लिए पूर्वी कमान पूरी तरह तैयार है और उसी के लिए इतने बड़े कैंप तैयार किए जा रहे हैं.
इस बीच सेना ने अपने सभी अधिकारियों और सैनिकों को एक बार फिर से एडवायजरी जारी करते हुए सोशल मीडिया पर वर्दी में किसी भी तरह की फोटो या फिर वीडियो जारी ना करने का निर्देश दिया है.
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