पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 'लाशों पर सियासत' वाले बयान के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है. उन्होंने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, उनकी पार्टी और एलायंस विधानसभा चुनाव में बड़ी हार की तरफ बढ़ रहा है और तेजस्वी यादव एक बेहद डरे हुए राजनेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं.


राजीव रंजन ने कहा, “लाशों पर सियासत आरोप आप हमारे दल और गठबंधन पर लगाते हैं, लेकिन आपके परिवार का इतिहास इन्हीं लाशों पर सियासत करके 15 वर्षों तक राज करने का रहा है और जो कुकर्म उस दौर में हुए उसके लिए माफी भी मांगते फिर रहे हैं बिहार की जनता नरसंहारों के उस काले दौर, जातीय हिंसा, इलाकाई क्षत्रपों के कहर और अराजकता और भ्रष्टाचार का जो महासंगम था उसको कभी भूल नहीं सकती है.”


जेडीयू नेता ने आगे कहा, "शायद इसलिए आप लोगों को गुमराह करने के लिए अक्सर नए-नए पैंतरों का इस्तेमाल करते हैं. चुनाव निर्वाचन आयोग को कराना है लेकिन वर्चुअल प्लेटफार्म केवल गालियां देने के लिए नहीं है बल्कि सकारात्मक तरीके से जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए भी है. लेकिन आपको पता है कि आपका और आपकी पार्टी का सूपड़ा पूरी तरह से बिहार की जनता साफ करने वाली है. इसीलिए तरह तरह के तर्क और घटिया आरोप मढ़ने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.''


तेजस्वी यादव ने क्या कहा था?


दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि गरीबों और बिहार के आम नागरिकों के साथ सरकार क्रूर मजाक कर रही है. अपने पर आई है तो वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है, अच्छे-अच्छे डॉक्टर हैं, नर्स हैं, लेकिन बिहार की जनता के लिए एक ही अस्पताल है एनएमसीएच,  वो भी पानी में डूब जाता है. हम लोगों ने लगातार यही मांग की है कि  जांच बढ़ाई जाए और अफसोस की बात है कि जांच के मामले में बिहार सबसे फिसड्डी है. बिहार में कोरोना को देखते हुए आगे आने वाले दिनों में लाशों का ढेर बिछने वाला है और स्थिति बहुत ज्यादा भयावह होने वाली है.


तेजस्वी ने कहा कि अभी तो सीएम हाउस में कोरोना घुसा है. हम लगातार कह रहे हैं कि अगस्त और सितंबर में कोरोना भयावह रूप लेने वाला है लेकिन पता तो तब चलेगा जब जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी. न जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है न डेडिकेटेड अस्पताल बनाए जा रहे हैं. आइसोलेशन वार्ड की स्थिति बेहद खराब है. स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टरों के पद रिक्त पद हैं जिसे भरा नहीं जा रहा है और जो ड्यूटी पर हैं उनमें कोरोना संक्रमण फैला है, जिसकी संख्या सरकार छुपाने के काम कर रही है. ट्रांसपेरेंसी पूरी तरह से जीरो है, इनको केवल अपनी कुर्सी की चिंता है.


आरजेडी नेता ने कहा कि बीजेपी के लोग वर्चुअल रैली कर रहे हैं और मुख्यमंत्री भी अपनी वर्चुअल रैली कर रहे हैं लेकिन बिहार में गरीबों के साथ यह लोग खड़े नहीं हैं. गरीब मर रहे हैं. बिहार में हाहाकार मचा हुआ है लेकिन यह लोग कुर्सी की चिंता कर रहे हैं और चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. यहां बिहार बाढ़ में डूब रहा है. पटना जलजमाव से डूब रहा है. लोग कोरोना और भुखमरी से मर रहे हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं.


तेजस्वी ने कहा कि जनता देख रही कि किस प्रकार गरीबों के साथ भेदभाव किया गया है, हम लोग चाहते थे कि मुख्यमंत्री की जांच हो. खुद की जांच होती है तो 2 घंटे में रिपोर्ट आ जाती है, यही काम गरीबों के लिए क्यों नहीं होता? यह मज़ाक है आम जनता के साथ जो बिहार के लोग नहीं सहेंगे.


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