मेरठ: मेरठ मेडिकल कॉलेज में कोरोना से मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है. अलग अलग जिलों से यहां भर्ती हुए कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 44 की लोगों की मौत हो चुकी है. शासन की तरफ से ओएसडी डॉक्टर वेदप्रकाश को फिर मेरठ भेजा गया है. मेरठ मेडिकल कॉलेज में कोविड के मरीज़ों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां कोविड वार्ड में विभिन्न ज़िलों से भर्ती हुए मरीज़ों में से अब तक 44 की मौत हो चुकी है. न सिर्फ कोविड मरीज़ बल्कि नॉन कोविड मरीज़ों की भी मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ने से हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. मेरठ मेडिकल कॉलेज में लगातार हो रही मौतों को लेकर शासन चिंतित है. शासन की तरफ से ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी डॉक्टर वेद प्रकाश को आनन फानन में फिर यहां भेजा गया है.


आज भी मेरठ मेडिकल कॉलेज में गौतमबुद्ध नगर निवासी एक कोविड मरीज़ की मौत हो गई. पचपन वर्षीय शख्स थाना रघुपरा ज़िला गौतमबुद्धनगर के रहने वाले थे. पांच जून को ही रात में इन्हें भर्ती किया गया था और आज सुबह इन्होंने दम तोड़ दिया. मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से बताया गया कि ये रोगी फेफड़े के कैंसर से भी पीडि़त थे. आज ही मेरठ निवासी एक पैंतालिस वर्षीय शख्स की भी मौत हो गई. इस मरीज कोरठ तीन जून को मेमेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था. मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से बताया गया कि इन्हें डायबीटिक कीटोएसिडोसिस नाम की एक गंभीर बीमारी भी थी.


मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि अब तक मेडिकल कॉलेज में कोविड की वजह से मेरठ जिले के 25 रोगियों की मौत हो चुकी है. जबकि गाज़ियाबाद 8, हापड़ के 2 और बिजनौर के 1, संभल के एक, ग्रेटर नोएडा के एक, आगरा के एक और मुजफ्फरनगर के भी एक मरीज़ की भी मौत यहां कोविड की वजह से हो चुकी है. और तो और बीते दिनों मेरठ की एक सत्रह साल की युवती भी कोरोना से जंग हार गई थी. महत्वपूर्ण है कि जिस दिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री मेरठ मेडिकल कॉलेज का दौरा करने आए हुए थे, उस दिन कोविड वार्ड में ताबड़तोड़ मौतें हुईं थीं. आपको बता दें कि उनके दौरे के वक्त यहां तीन कोविड मरीज़ों की मौत हुई थी.


ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर मेरठ के लालालजपत राय मेडिकल कॉलेज में कोविड मरीज़ों की मौतों का आंकड़ा थम क्यों नहीं रहा है. वहीं एक मई से आज तक कई नॉन कोविड मरीज़ भी दम तोड़ चुके हैं. नॉन कोविड मरीज़ों की भी लगातार हो रही मौतों से मेरठ मेडिकल कॉलेज में हड़कप मचा हुया है. हालांकि प्रिंसिपल डॉक्टर एस के गर्ग का कहना है कि इमरजेंसी सर्विसेज़ चालू हैं और डॉक्टरों की पूरी टीम मुस्तैदी के साथ डटी हुई है. ऐसे में सवाल ये है कि कोविड और नॉन कोविड मरीज़ों की मौत का आंकड़ा आखिर यहां कब थमेगा.


गौरतलब है कि मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 502 है और जिले में 33 मरीजों की अबतक मौत हो चुकी है. लेकिन सबसे ज्यादा मौत मेरठ के मेडिकल कॉलेज में हुई, जिनकी संख्या 25 है. यही वजह है कि अब मेडिकल कॉलेज पर सवाल उठने लगे. लेकिन इन मौतों की वजह क्या है, इसी बात को जानने के लिए सरकार ने OSD को भेजकर जांच करा रही है.