नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से चिंतित सरकार अब कोविड-19 के लिए टेस्टिंग प्रोटोकॉल बदलने की तैयारी कर रही है. गुरुवार को इस बाबत हुई उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन गई है. जल्द ही नई टेस्टिंग गाइडलाइंस का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. इसके तहत अब तक केवल लक्षण वाले लोगों और SARI (सीवियर एक्यूट रेस्पेरेट्री इल्नेस) यानी सांस की बीमारी वाली सभी मरीजों की अनिवार्य टेस्टिंग के बजाय 'क्लस्टर' आधारित टेस्टिंग रणनीति का क्रियान्वयन सम्भव है. हालांकि, अभी इस बाबत अधिकारिक बयान आना बाकी है.


क्या होता है क्लस्टर?


कोरोना वायरस के क्लस्टर्स की बात करें तो कल्सटर यानी किसी निश्चित स्थान पर कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों का समूह. दुनियाभर में कोरोना वायरस की बीमारी के केस किसी समूह के माध्यम ज्यादा फैलते हुए नजर आए हैं.


अखबार द हिंदू के आंकड़े के अनुसार दुनियाभर में कोरोना वायरस के क्लस्टर्स की वजह से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. दक्षिण कोरिया में 56 प्रतिशत फैले बीमारी के लक्षण एक चर्च में संक्रमित महिला की मौजूदगी से हुए हैं. सिंगापुर में ऑर्गनाइज की गई एक डिनर पार्टी को उस देश के 10 प्रतिशत कोरोना के फैलाव का जिम्मेदार माना जा रहा है. उसी तरह भारत में भी तेजी से बढ़ी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या सीधे तौर पर निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात की मरकज को माना जा रहा है.


उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का संक्रमण देश-दुनिया में तेजी से फैल रहा है. भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2500 के पार हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक 53 लोग कोरोना वायरस के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 181 लोग ठीक भी हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि पिछले 24 घंटे में COVID-19 से 328 लोग संक्रमित हुए हैं और 12 लोगों की मौत हुई है.


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