नई दिल्ली : वैसे तो ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई दावे किए जाते हैं. महिलाओं के लिए अलग कोच तक चलाए जाते हैं. चाहें वह लोकट ट्रेनें हों या फिर दूरगामी, सभी में महिला कोच होते हैं. लेकिन, 2016 के एक आंकड़े के अनुसार इन डब्बों में पुरुष यात्रियों की घुसपैठ बढ़ी है.


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आरपीएफ की ओर से चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं


रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की ओर से चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं. महिलाओं वाले कोच में पुरूष यात्रियों के अवैध प्रवेश के खिलाफ आरपीएफ ने 2016 में उत्तरी जोन में 13 हजार से ज्यादा लोगों को पकड़ा है. ऐसे में यकीनन कम से कम 13 हजार से ज्यादा पुरुष यात्रियों ने महिला डब्बों में घुसपैठ की है.


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महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा आरपीएफ की शीर्ष प्राथमिकता


उत्तरी रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त संजय किशोर ने बताया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा आरपीएफ की शीर्ष प्राथमिकता है. आरपीएफ ने महिला कर्मियों वाली दिल्ली में भैरवी और वीरांगना और फिरोजपुर में टीमें बनायी जिसने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने में सक्रिय रूप से काम किया.


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शिकायत के आधार पर अब प्राथमिकी दर्ज की गयी


किशोर ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों पर पोस्ट की गयी शिकायत के आधार पर अब प्राथमिकी दर्ज की गयी. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में विशेष सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर आरपीएफ उस सेक्शन में सभी ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहेगी. साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने को भी तैयार रहेगी.


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