करीब 12 लाख डेबिट-क्रेडिट कार्ड धारकों की डिटेल हुई चोरी, डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध
करीब 12 से 13 लाख भारतीय बैंक ग्राहकों का डेटा चोरी होने की खबरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि ये डेटा डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है. खबर के मुताबिक एक ग्राहक की जानकारी करीब 100 डॉलर में बेची जा रही है.
नई दिल्ली: करीब 12 से 13 लाख भारतीय बैंक ग्राहकों का डेटा चोरी होने की खबरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि ये डेटा डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है. खबर के मुताबिक एक ग्राहक की जानकारी करीब 100 डॉलर में बेची जा रही है. अगर आप लोग डेबिट या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो इस पूरी खबर को समझ लें.
लाखों भारतीयों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डेटा बेचा जा रहा है जिसमें से 18% भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड तो भारत के एक ही बैंक के हैं. यानी भारत के एक ही बैंक के 2.16 लाख ग्राहकों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड का डेटा बिक रहा है.
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आप सोचेंगे कि कार्ड आपके पास है तो डेटा चुराकर क्या कर लेगा तो जान लीजिए कि अगर 12 लाख भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की चोरी की हुई जानकारी साइबर क्रिमिनल खरीद लें तो वो 130 मिलियन डॉलर यानी करीब 920 करोड़ रुपए भारतीयों के बैंक खाते से एक झटके में लूट सकते हैं.
सिंगापुर की साइबर डेटा एनालिसिस करने वाली नामी संस्था ग्रुप आईबी के अनुसार हैकर्स की वेबसाइट जोकर स्टैश पर भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी बिकती दिखी है. एक ग्राहक के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी 100 डॉलर यानी 7 हजार रुपए में दी जा रही है. पता चला है कि ग्राहकों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का ट्रैक 2 डेटा चोरी करके बेचा जा रहा है.
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डेबिट या क्रेडिट कार्ड के पीछे मैग्निटिक स्ट्रिप में होता है जिसमें आपके बैंक खाते की प्रोफाइल यानी आपका नाम, बैंक, बैंक खाता नंबर और आपके सारे लेनदेन की जानकारी होती है. जब आप किसी खरीदारी के बाद प्वाइंट ऑफ सेल यानी पीओएस मशीन पर अपना डेबिट-क्रेडिट कार्ड स्वाइप कराते हैं या एटीएम में जब ट्रांजेक्शन के दौरान कार्ड स्वाइप कराते हैं, तभी ये आपके बैंक खाते से जुड़े डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चोरी की गई है.
दरअसल जालसाज ATM के कार्ड स्लॉट और पीओएस मशीन में एक स्कीमिंग डिवाइस लगा देते हैं. 2000 रुपए में मिल जाने वाली स्कीमिंग डिवाइस आपके डेबिट-क्रेडिट कार्ड की सारी जानकारी को कैद कर लेती है. वही चोरी हुआ डेटा विदेश में भारतीयों के बैंक खाते की जानकारी के नाम पर बिक रहा है.
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2017-18 में डेबिट-क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी करके ग्राहकों को 169 करोड़ रुपए की लूट हुई थी. जबकि 2018-19 में डेबिट-क्रेडिट कार्ड से फर्जीवाड़ा करके 149 करोड़ रुपए का नुकसान भारतीयों को हुआ. 2016 Global Consumer Fraud Report के मुताबिक डेबिट-क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी के मामले में भारत दुनिया के टॉप 5 देशों में एक है.
सावधान रहें-
1- ऐसे ATM का इस्तेमाल ना करें जहां गार्ड ना हो 2- ATM पर कमांड अजीब दिखे तो इस्तेमाल ना करें 3- जैसे ATM दो बार पिन दबाने को कहे तो सावधान रहें 4- ऑनलाइन शॉपिंग में वेबसाइट को परख कर ही खरीदारी करें 5- वेबसाइट के लिंक में 'https' प्रोटोकॉल है या नहीं जरूर देखें 6- असुरक्षित और सार्वजनिक वाई-फाई के इस्तेमाल से बचें 7- अपना डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड बदलते रहें 8- नियमित रूप से अपना अकाउंट बैलेंस चेक करते रहें