1993 मुंबई बम ब्लास्ट की जांच टीम के चीफ थे राकेश मारिया, फैसले के बाद कहा- संतुष्ट हूं
मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवाल बम धमाकों की जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राकेश मारिया ने किया था. इस मामले में छह आरोपियों को दोषी ठहराए जाने के विशेष टाडा अदालत के फैसले का उन्होंने स्वागत किया है. अदालत ने बम धमाकों के मास्टरमाइंड मुस्तफा दोसा और गैंगस्टर अबू सलेम समेत छह लोगों को दोषी ठहराया है.
विशेष टाडा अदालत ने आज इस मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया
विशेष टाडा अदालत ने आज इस मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया है. दोसा को साजिश रचने तथा हत्या का दोषी ठहराया गया है. जबकि, सलेम को बम धमाकों से पहले हथियारों को गुजरात से मुंबई लाने का दोषी ठहराया गया है. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त मारिया ने कहा, 'दुबई में दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर साजिश रचने वाले दोषी साबित हुए.'
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राकेश मारिया ने कहा कि 'यह एक अच्छा फैसला है और मैं इससे संतुष्ट हूं'
उन्होंने कहा कि 'यह एक अच्छा फैसला है और मैं इससे संतुष्ट हूं. आज दोषी ठहराए गए दोसा और सलेम जैसे लोग बम धमाकों की योजना बनाने, साजिश रचने और पैसा जुटाने के काम में शामिल थे.' उन्होंने कहा 'हमारी टीम ने जो जांच की थी उसे न्यायपालिका ने स्वीकार किया. यह बताता है कि हमारी जांच सही थी.' मारिया ने इसका श्रेय मुंबई पुलिस को दिया जिसने उनके मुताबिक दिन रात जीतोड़ मेहनत की.
12 मार्च 1993 को विभिन्न स्थानों पर एक के बाद एक 13 धमाके हुए थे
मुंबई और उसके उपनगरों में 12 मार्च 1993 को विभिन्न स्थानों पर एक के बाद एक 13 धमाके हुए थे. इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी. करीब 700 लोग घायल हुए थे. जिन प्रमुख स्थलों को निशाना बनाया गया था उनमें एयर इंडिया बिल्डिंग, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, झवेरी बाजार, तत्कालीन पांच सितारा होटल जैसे होटल सीरॉक और होटल जुहू सेंटौर तथा अन्य शामिल थे.
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