नई दिल्ली: एटीएम की चोरी से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला देश की राजधानी में सामने आया है. अपराधी इतने शातिर थे कि पुलिस को भी तीन हफ्तों से ज्यादा समय लग गया उनके गिरेहबान तक पहुंचने में. बहरहाल पुलिस ने काफी मशक्कत कर मामला सुलझा लिया है और एटीएम में कैश रीफिल करने वाली फर्म के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है.


खबर के अनुसार इस पूरी साजिश का कर्ताधर्ता वही था जिस पर एटीएम के रख-रखाव और पैसा डालने की जिम्मेदारी थी. बैंक की ओर से निर्देश मिलने पर वह पैसे डालने का काम कराता था. लेकिन, पिछले कई दिनों से वह सिर्फ आधे पैसे ही एटीएम में डाल रहा था जबकि उसका टीम लीडर कागजों में हेराफेर कर के पैसे पूरे दिखा देता था.


लेकिन, दिसंबर में बैंक को शक हुआ और पैसे के हिसाब में गड़बड़ी मिलने पर पुलिस से शिकायत की गई. कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. ये गिरोह इतना शातिर था कि पैसा जमा करने के बाद खुद ही एटीएम में तोड़फोड़ कर दी ताकि यह लगे कि किसी ने एटीएम में से पैसे लूट लिए हैं.


पुलिस ने 28 दिसंबर को इस मामले की जांच शुरू की. बैंक के लिए कैश उपलब्ध कराने वाली कंपनी ने इस बारे में शिकायत की थी. पेमेंट कंपनी ने कैश रीफिल करने के लिए दो फर्म को हायर किया था अब गड़बड़ी कौन कर रहा था इसका पता नहीं चल पा रहा था. पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस का सहारा लेकर आरोपियों को दबोच लिया.


फिर टीम लीडर सहित चार लोगों की गिरफ्तारी हुई. कागजातों में हेराफेरी करने के एवज में आरोपी मनोज ने एक लाख रुपए लिए थे. पुलिस, अब जांच कर रही है कि आरोपियों ने कितने का घपला किया है. गौरतलब है कि एटीएम में हर बार लाखों रुपए भरे जाते हैं. जिसमें से सीधे आधे पैसों का गबन आरोपी कर रहे थे.


मनोज के अलावा इस मामले में गिरफ्तार लोगों के नाम दीपक, सत्यजीत और कृष्ण सिंह है. अपनी-अपनी भूमिका के आधार पर इनको पैसा मिल रहा था. सबसे बड़ा हिस्सा दीपक का था क्योंकि वही इस पूरी साजिश का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. पुलिस चारों से अलग-अलग पूछताछ कर रही है.


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