नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कथित रूप से एक तांत्रिक को इलाज के नाम 12 वर्षीय लड़की का रेप करने के आरोप में दोषी ठहराया है. व्यक्ति ने लड़की को तांत्रिक विद्या का इस्तेमाल कर पीठ के दर्द का इलाज करने का झांसा दिया था.


फैसला केवल एकमात्र पीड़िता की गवाही के आधार पर लिया गया. एडिशनल जज अमित कुमार ने आरोपी शंकर को रेप और गलत तरीके से छूने के मामले में दोषी ठहराया है.


अदालत ने शंकर को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस ( पोक्सो ) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया है. उसकी सजा का ऐलान अभी नहीं किया गया है , उसे अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है.


अदालत ने कहा कि लड़की शुरू से लेकर अभी तक पुलिस और अदालत के समक्ष अपने बयान पर कायम रही है. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने में कोई देरी नहीं की गई और आरोपी को मौके से ही बरामद किया गया. केवल सार्वजनिक चश्मदीद न होना शिकायत पर अविश्वास करने का आधार नहीं हो सकता.


अभियोजन पक्ष के अनुसार 10 जुलाई 2013 को पीड़िता की मां उसके पीठ के दर्द के इलाज के लिए उसे शंकर के घर ‘‘ झाड़ा ’’ लगाने ले गई थी.


शंकर ने पीड़िता की मां को इलाज के लिए नींबू लाने घर से बाहर भेज दिया था और उसके बाद उसने लड़की का रेप किया. पीड़िता ने घटना के तुरंत बाद ही घर के बाहर दौड़ अपनी मां को घटना की जानकारी दी.


शालीमार बाग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया. सुनवाई के दौरान उसने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इलाज का समय समाप्त होने के कारण उसने इलाज करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद पीड़िता की मां ने उसे झूठे आरोपों में फंसाया.