चंडीगढ़: पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई का एक बार फिर नापाक चेहरा सामने आया है. आरोप है कि आईएसआई एक भारतीय को हनी ट्रैप में फंसाकर उससे भारतीय सेना की खूफिया सूचनाएं ले रहा था. हालांकि पुलिस ने उस 23 वर्षीय व्यक्ति को रोहतक से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा कि आईएसआई उससे भारतीय सेना के शिविरों के बारे में जानकारी लेता था.


पुलिस अधीक्षक पंकज नैन ने कहा कि राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की सूचना के आधार पर रोहतक के मॉडल टाउन से गौरव कुमार को रविवार को गिरफ्तार किया गया. उस पर आरोप है कि भर्ती परीक्षा के लिए वह जिन सैन्य शिविरों में जाता था वहां की सूचनाएं आईएसआई को भेजता था. कुमार पर सरकारी गोपनीयता कानून और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.


नैन ने बताया कि सोनीपत जिले के गनौर शहर के रहने वाले कुमार की दोस्ती दो महिलाओं से फेसबुक पर एक साल पहले हुई थी जो पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस(आईएसआई) के लिए काम करती थीं. उन्होंने कहा , ‘‘प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गौरव लंबे समय से सेना में भर्ती होने का प्रयास कर रहा था और सेना की तरफ से आयोजित होने वाली परीक्षाओं की तैयारी करता था.’’


क्या है हनीट्रैप


दुनिया का हर देश हर वक्त अपने दुश्मन को मात देने की कोशिशों में लगा रहता है. हर वक्त सीधी जंग नहीं होती और हर बार केवल जंग के मैदान में ही मात नहीं दी जाती. खुफिया तरीकों से भी दुश्मन को मात दी जाती है. इस खुफिया खेल में बहुत बड़ी भमिका निभाता है – हनीट्रैप.


जैसा नाम से ही जाहिर है हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल. एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है और किसका शिकार बनने वाला है. खूबसूरत महिला एजेंट्स सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भी अक्सर भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है. इससे पहले वायुसेना के अरुण मारवाह को हनीट्रैप में फंसाया गया और उनसे काफी जानकारी हासिल कर ली गई थी. अमूमन इस तरह की जानकारियों का इस्तेमाल आतंकी हमले में किया जाता है. दुश्मन जानकारी का क्या इस्तेमाल करेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि जानकारी क्या है और कितनी गोपनीय है.