हरियाणा BJP अध्यक्ष के बेटे ने की छेड़छाड़ की कोशिशः पीड़िता ने ABP NEWS पर सुनाई आपबीती
चंडीगढ़ में लड़की से छेड़छाड़ और कार से पीछा करने के मामले में पीड़ित लड़की ने एबीपी न्यूज पर पूरी आपबीती सुनाई. लड़की की कार को कई बार रोकने की कोशिश हुई. उस समय उसे नहीं पता था कि युवक रसूखदार है. अगर पुलिस नहीं आती तो उसके साथ कुछ भी हो सकता था.
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नई दिल्लीः चंडीगढ़ में लड़की से छेड़छाड़ और कार से पीछा करने के मामले में पीड़ित लड़की ने एबीपी न्यूज पर पूरी आपबीती सुनाई है. हरियाणा में वरिष्ठ आईएएस अफसर की बेटी वर्णिका कुंडू ने बताया है कि उसकी कार का एसयूवी कार सवार दो लोगों ने पीछा किया. लड़की की कार को कई बार रोकने की कोशिश हुई. अगर पुलिस नहीं आती तो उसके साथ कुछ भी हो सकता था. उस समय उसे नहीं पता था कि युवक रसूखदार है. लड़कों को रात में निकलने पर पाबंदी नहीं है तो सिर्फ लड़की होने की वजह से उसे रात में अकेले निकलने पर पाबंदी क्यों लगाई जानी चाहिए.
छेड़छाड़ की असफल कोशिश की शिकार लड़की ने चंडीगढ़ पुलिस को बेहद आभार जताते हुए पहले भी कहा था कि पुलिस ने सिस्टम में उसके भरोसे को फिर से जिंदा कर दिया. आपको बता दें इस मामले में हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को चंड़ीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. विकास बराला के खिलाफ चंडीगढ़ सेक्टर 26 पुलिस थाने में छेड़छाड़ करने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. आरोपी लड़कों को थाने से ही जमानत मिल चुकी है.
इससे पहले लड़की ने फेसबुक पोस्ट पर ही इस घटना को साफ-साफ लिख दिया था जिसमें उसने चंडीगढ़ की सड़क पर घटी घटना की पूरी आपबीती बयां की.
पीड़ित लड़की ने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया जिसने मेरे कॉल पर एक्शन लिया. पुलिस ने सिस्टम में मेरे भरोसे को फिर से जिंदा कर दिया है. सेक्टर 8 मार्केट से रात 12.15 बजे घर के लिए निकली और फोन पर एक दोस्त से बात करते हुए सड़क पार करके सेक्टर 7 में घुसी ही थी कि तभी मुझे लगा कि एक कार मेरा पीछा कर रही है. सफेद रंग की एसयूवी कार मेरी कार के साथ-साथ चलने लगी तब तक मैं सेक्टर 7 में थी और सेक्टर 26 के सेंट जॉन्स की तरफ बढ़ रही थी. एसयूवी में दो लड़के आधी रात को एक अकेली लड़की को छेड़कर मजा ले रहे थे. ये लोग इस तरह से मेरा पीछा कर रहे थे कि कई बार मुझे लगा कि ये मेरी कार को ठोंक देंगे. तब तक मैं अलर्ट हो चुकी थी इसलिए मैंने सेंट जॉन्स से राइट टर्न लेने का प्लान किया जो थोड़ा बिजी और सेफ माना जाता है. लेकिन राइट टर्न लेने वक्त एसयूवी ने रास्ता रोक दिया जिससे मुझे सीधे सेक्टर 26 की सड़क लेनी पड़ी.
मैंने अगले टर्न पर फिर राइट लेने की कोशिश की लेकिन इस बार तो उनलोगों ने सीधे मेरी कार के सामने अपनी गाड़ी लगाई और पैसेंजर सीट पर बैठा लड़का उतरकर मेरी तरफ बढ़ने लगा. मैंने तुंरत बैक गियर लगाई और इससे पहले कि वो फिर मेरे पास आते, तेजी से अगला राइट टर्न लिया. इस दौरान मैंने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को अपनी हालत और लोकेशन बताई. फोन पर पुलिस ने कहा कि वो जल्दी पहुंच रहे हैं. मैं अब मेन रोड पर पहुंच चुकी थी और 15 सेकेंड से एसयूवी नहीं दिखी तो मुझे लगा कि फोन करता देख वो भाग गए होंगे लेकिन मैं गलत थी. मेरे हाथ कांप रहे थे, कमर जकड़ रही थी, कुछ हक्की-बक्की और कुछ आंखों में आंसू लिए मैं ये सोच रही थी कि पता नहीं आज घर लौट पाऊंगी भी कि नहीं.
इन लड़कों ने 6 किलोमीटर तक लगातार मेरा पीछा किया और इस रोड के आखिर में ट्रैफिक लाइट के पास मेरी कार का रास्ता रोक दिया. पैसेंजर सीट से फिर एक लड़का उतरकर मेरी तरफ बढ़ा, पता नहीं कैसे लेकिन मैंने कार को रिवर्स गियर में डाला और राइट की तरफ दिखी थोड़ी सी जगह से लगातार हॉर्न बजाती कार निकाली ताकि वहां गुजर रही दूसरी गाड़ियां मेरी हॉर्न सुनकर देखें कि दिक्कत क्या है कि ये लगातार हॉर्न बजा रही है. तब तक वो लड़का मेरी कार के पास पास आ चुका था. उसने मेरे कार के विंडो पर जोर से हाथ मारा और गेट खोलने की कोशिश की. तभी मेरी नजर एक पुलिस कार पर पड़ी, मैं लगातार हॉर्न बजा रही थी. कुछ पुलिस वाले दौड़कर आए और एसयूवी वालों को पकड़ा. डर से कांपती मैं सीधे घर गई और अपने पिता वीरेंद्र कुंडु को सब कुछ बताया और फिर उनके साथ एफआईआर करने वापस गई.
चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया दोनों लड़के गिरफ्तार हो चुके थे जो निश्चित रूप से प्रभावशाली परिवार से हैं और राजनीतिक कनेक्शन रखते हैं. चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया क्योंकि अगर उनके जवान समय पर नहीं आते तो शायद आज मैं ये नहीं बता पाती. अगर देश के सबसे सेफ शहर में एक लड़की के साथ ऐसा हो रहा है तो हम कहां जा रहे हैं. मैं चकित हूं कि जिस शहर में हर रेडलाइट पर कैमरा लगा है और हर 200 मीटर पर पुलिस वाले हैं वहां इन लड़कों ने कैसे सोच लिया कि ये मेरी कार में घुस सकते हैं या मुझे अपनी कार में खींच सकते हैं सिर्फ इसलिए कि वो एक ताकतवर परिवार से हैं.
ऐसा लगता है कि मैं एक आम आदमी की बेटी ना होने की वजह से खुशकिस्मत हूं नहीं तो इन वीआईपी लोगों के खिलाफ खड़ा होने की उनके पास क्या ताकत होती है. मैं इसलिए भी खुशकिस्मत हूं क्योंकि मैं रेप के बाद किसी नाले में मरी नहीं पड़ी हूं. अगर ये चंडीगढ़ में हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है. लेडीज, अपनी सुरक्षा के लिए खुद सतर्क रहें, कोई गाड़ी अगर आपको तंग कर रहा है तो उसकी गाड़ी का नंबर नोट करिए. जैसे ही कोई पीछा करना शुरू करे तुरंत पुलिस को फोन करिए. अपने मां-बाप को फोन करिए और उनको बताइए कि आप कहां हैं और किस हालत में हैं. सुरक्षित तरीके से जैसे भी भाग सकती हैं, भागने की कोशिश करिए. आपकी जान सबसे बड़ी चीज है. अगर वो आपके पास आता है तो जो भी चीज मिले उसे हथियार बनाकर खुद को बचाइए. पिछली रात तक मैं किसी भी हथियार की फैन नहीं थी, चाहे वो बंदूक हो, डंडा हो, गोल्फ स्टिक हो या चाकू लेकिन ये आपको ज्यादा सेफ और आत्मविश्वास से भरे होने का अहसास कराएंगे.
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