GST नियमों में कमियों का फायदा उठाकर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, 6 गिरफ्तार
साइबर सेल का दावा है कि जांच में अब तक इस गिरोह के जरिए रजिस्टर कराई गई 340 बोगस कंपनियों का पता चला है. इन बोगस कंपनियों के आधार पर 940 करोड़ रुपये का बिजनेस ट्रांजैक्शन किया गया हैं.
![GST नियमों में कमियों का फायदा उठाकर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, 6 गिरफ्तार accused take advantage of the loopholes in GST rules looted government rupees six arrested ann GST नियमों में कमियों का फायदा उठाकर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, 6 गिरफ्तार](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/01/30001238/money.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने जीएसटी नियमों की बारीकियों को समझते हुए उनकी कमियों का फायदा उठाया है और इन कमियों के चलते सरकार को करोड़ों रुपये का चूना भी लगाया है. पुलिस ने इस गिरोह के 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह बेहद शातिर हैं, जो चोरी किये गए पैन कार्ड या आधार कार्ड के सहारे बोगस कंपनी रजिस्टर करवाता था और फिर इन बोगस कंपनी के बीच में बिजनेस ट्रांजैक्शन करते हुए जीएसटी के नाम पर सरकार को चूना लगाता था.
साइबर सेल का दावा है कि जांच में अब तक इस गिरोह के जरिए रजिस्टर कराई गई 340 बोगस कंपनियों का पता चला है. इन बोगस कंपनियों के आधार पर 940 करोड़ रुपये का बिजनेस ट्रांजैक्शन किया गया हैं. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर 25 बैंक अकाउंट फ्रीज करवाए हैं, जो 10 अलग बैंकों में खोले गए थे और इन अकाउंट में जमा लगभग 48 लाख रुपये भी फ्रीज करवाए गए हैं. 48 लाख रुपये की रकम जीएसटी रिफंड की है.
क्या है मामला?
साइबर सेल के डीसीपी अनेश रॉय का कहना है कि साइबर सेल को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग जीएसटी नियमों की कमियों का फायदा उठाते हुए सरकार को चूना लगा रहे हैं. ये लोग बोगस कंपनी रजिस्टर करवाते हैं और उन्हीं बोगस कंपनियों के बीच में ट्रांजैक्शन करते हैं. ट्रांजैक्शन पर जीएसटी लगता है, उसका रिफंड सरकार से लेते हैं और इस तरीके से सरकार को चूना लगाते हैं. शिकायत में एक व्यक्ति ने बताया कि कुछ लोगों ने उनके पैन और आधार कार्ड पर 3 जीएसटी नंबर हासिल किए हैं, जो तीन अलग अलग फर्म के नाम पर लिए गए हैं. मतलब की 3 फर्जी फर्म भी रजिस्टर करवाई गईं हैं.
इन तीन फर्म ने 119 करोड़ की सेल और बिजनेस ट्रांजैक्शन दर्शायी गई हैं, जबकि असल में कोई कंपनी है ही नहीं. जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के नाम शैलेश कुमार, संदीप सिंह नेगी, विवेक कुमार, हरीश चंद, गौरव रावत और मनोज कुमार हैं. गौरव इस गैंग का मास्टरमाइंड है, जो वेस्ट विनोद नगर का रहने वाला है. ये सभी आरोपी वैट और जीएसटी विभाग में डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम कर चुके हैं, यही कारण है कि ये सभी जीएसटी नियमों की कमियों से भी भलीभांति परिचित हैं.
क्या-क्या हुआ बरामद?
पुलिस ने इनके पास से 14 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, फर्जी कंपनियों के नाम पर खोले गए बैंक एकाउंट्स के 14 एटीएम कार्ड, 22 चेक बुक और फर्जी कंपनियों की 8 रबर स्टैम्प.
इन तरीकों से लगा रहे थे सरकार को चूना-
1- फर्जी पैन/आधार कार्ड से बोगस कंपनी रजिस्टर करवाने के बाद जीएसटी नंबर हासिल किया जाता था. फर्जी आईडी से ही मोबाइल नंबर लिया जाता था. इसके बाद इन फर्जी कंपनी और जीएसटी नंबर को ऐसी कंपनियों को बेच दिया जाता था, जो जीएसटी बचाने की फिराक में होती थीं. इसके बाद बोगस कंपनियों के बीच में 3 से 4 लेयर की ट्रांजेक्शन की जाती थी ताकि जीएसटी विभाग को शक न हो और फिर टैक्स चोरी के साथ-साथ सरकार से जीएसटी रिफंड लेने का खेल शुरू हो जाता था.
2- दूसरा तरीका ये था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोगस कंपनी रजिस्टर करवाने से साथ ही इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बैंक एकाउंट भी खुलवाए जाते थे. इन बोगस कंपनियों के बीच फर्जी सेल/परचेस दिखा कर जीएसटी रिफंड क्लेम किया जाता था.
पुलिस का कहना है कि गौरव ने सभी ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए जैसे बिल की पेमेंट करने, रिसीव करने के लिए बैंक एकाउंट अलग से खुलवाया था. इस बैंक एकाउंट की जांच से पता चला है कि बोगस कंपनियों के बीच बगैर पैसे के आदान प्रदान के ही की गई फर्जी ट्रांजैक्शन के आधार पर लगभग 2 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड हासिल किया जा चुका है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)