Atiq Ahmad Story: कहते हैं कि वक्त हमेशा एक जैसा नहीं होता है और ये कहावत यूपी के बाहुबली अतीक अहमद पर एकदम फिट बैठती है. एक जमाना हुआ करता था जब यूपी के पूर्वांचल में अतीक अहमद की तूती बोलती थी और लोग उससे खौफ खाते थे. उसका दबदबा ऐसा था कि 10 जजों ने उसके केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. लेकिन, आज वही अतीक अहमद की हालत ऐसी है कि उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अतीक की जान बचाने की गुहार लगाई है.
गुजरात के अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद अतीक हाल ही में प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के चलते एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है. उमेश पाल ही बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या का एकलौता गवाह था. वहीं, अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ इस हत्याकांड में आरोपी हैं. आइए जानते हैं अतीक अहमद के 10 जजों वाला किस्सा.
चुनाव लड़ने को जेल से मिली थी बेल
समय था साल 2012 का और उस समय अतीक अहमद जेल में बंद था. विधानसभा चुनाव शुरू हो चुके थे, जिसको लड़ने के लिए अतीक ने अपना दल से पर्चा भरा था. इसको लेकर उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में बेल के लिए आवेदन दिया. अतीक के बेल वाले आवेदन पर इलाहबाद हाईकोर्ट के 10 जजों ने केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद सुनवाई के लिए 11वें जज ने हामी भरी और अतीक अहमद को बेल दे दी.
वहीं, अतीक के पास अपना गढ़ बचाने का आखिरी मौका था. चुनाव में अतीक और पूजा पाल आमने-सामने थे और अतीक को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी, जिसमें अतीक ने दोबारा अपनी हनक बनाने का पूरा प्रयास किया था.
अतीक अहमद ने करवाई उमेश पाल की हत्या
सूत्रों की मानें तो उमेश पाल की हत्या का मामला अब पूरी तरह से साफ हो चुका है. बेनामी संपत्तियों की मुखबिरी करने वजह से गैंगस्टर अतीक अहमद बौखला गया था और तैश में आकर उसी ने उमेश पाल की हत्या करवाई है. इससे पहले प्रयागराज के मुस्लिम हॉस्टल में उमेश पाल की हत्या की फूलप्रूफ प्लानिंग हुई थी. वहीं, अतीक अहमद के सभी गुर्गों के भागने की जानकारी मिली है जो हैदराबाद और पश्चिम बंगाल में हैं.