इलाहाबाद: दलित छात्र की पीट-पीट कर हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी रेलवे में टीटीई है. एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि वारदात के बाद आरोपी कई शहरों में ठिकाने बदल रहा था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में अब तक 4 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और अब किसी की गिरफ्तारी बाकी नहीं है.


हत्या के बाद आगजनी
योगी सरकार ने दिलीप के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद का एलान किया था. हत्या के बाद तनाव के माहौल को देखते हुए इलाहाबाद में सुरक्षा कड़ी कर दी गई. 26 साल के दिलीप सरोज की हत्या से गुस्साए छात्रों ने आगजनी की और बस को आग के हवाले कर दिया.


क्या है पूरा मामला?
9 फरवरी की रात इलाहाबाद डिग्री कॉलेज से कानून की पढाई करने वाला दिलीप अपने तीन साथियों के साथ कर्नलगंज इलाके के कालिका होटल में खाना खाने आया था. लेकिन मामूली सी कहासुनी उसकी जान पर भारी पड़ गई. कुछ लोगों ने दिलीप पर सरेआम लोहे की रॉड और ईंट से एक के बाद एक कई हमले किए जिससे उसकी मौत हो गई.



सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
कर्नलगंज इलाके में दिलीप सरोज नाम के एक दलित छात्र को सिर्फ मामूली सी कहासुनी की वजह से दबंगों ने रॉड और ईंट से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया. इलाहाबाद डिग्री कॉलेज से कानून की पढ़ाई करने वाला दिलीप सरोज अपने तीन साथियों के साथ कर्नलगंज इलाके के कालिका होटल में खाना खाने आया था. लड़ाई के दौरान कालिका होटल के ही एक वेटर मुन्ना सिंह ने बीच बचाव के दौरान दिलीप सरोज के सिर पर लोहे की रॉड मार दी. सिर पर गंभीर चोट आने से दिलीप होटल में ही बेसुध होकर गिर गया. लेकिन हत्या में शामिल औरे पेशे से टीटीई मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह यही नहीं माना. बेसुध पड़े दिलीप सरोज को दबंग पहले होटल के बाहर ले गए और लोहे की रॉड और ईंट से एक के बाद एक कई हमले किए. इसके बाद दिलीप को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.


वक्त पर आती पुलिस तो बच सकती थी युवक की जान- चश्मदीद
एक चश्मदीद के मुताबिक, ‘’पुलिस वारदात के वक्त नहीं आई. अगर पुलिस मौके पर आ जाती तो 101 फीसदी दिलीप को बचाया जा सकता था.’ लापरवाही के आरोप में इलाके के चौकी प्रभारी और दो सिपाहियों की निलंबित कर दिया गया है और एसएचओ के खिलाफ भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.