इससे पहले सन 2006 में बलवीर और उनके दोस्त राधेश्याम यावद को सुरेंद्र राजपूत की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. निचली आदालत ने उनके दोस्त को बरी कर दिया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 26 जनवरी को सजा पूरी करने के बाद वे रिहा होने वाले थे. इससे ठीक 11 दिन पहले, 15 जनवरी को हाईकोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया.
बलबीर के वकील अतुल गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उन्हें बरी किया है. साथ ही यह टिप्पणी भी की है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो 14 साल बलबीर सेना में रहते हुए देश की रक्षा में लगा सकते थे, वो समय उन्हें ऐसे बिताना पड़ा. लेकिन, हत्यारोपी का जो तमगा उनके सिर पर लगा था वह हट गया. अदालत ने माना की पूरे मामले में बलबीर के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. बलबीर की रिहाई का फरमान भी आदालत ने जारी कर दिया.