Kakinada Crime: आंध्र प्रदेश के काकिनाड़ में बड़ा मामला उजागर हुआ है. यहां स्थित अंबाती सुबन्ना खाद्य तेल कंपनी के तीन मालिक और उसके सुपरवाइजर को शनिवार को अरेस्ट कर लिया गया है. रविवार को उन्हें पेद्दापुरम मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, इसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इनमें सिंगावरापु विश्वनाथ (43), सिंगावरापु रघुराम (36) और सुपरवाइजर अक्कीरेड्डी श्रीनिवास उर्फ वासु (42) शामिल हैं.
बिना लाइसेंस के चल रही थी फैक्ट्री
मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई के दौरान साफ तौर पर कहा गया कि तीनों मालिकों ने कंपनी विभाग से फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस नहीं लिया था. वहीं पेद्दापुरम पुलिस स्टेशन के इन्वेस्टिगेशन अधिकारी और जॉइंट कमेटी हेड के जॉइंट कलेक्टर ने इस बात को अपनी शुरुआती जांच में पाया था. इन्होंने कहा कि कंपनी ने किसी भी प्रकार के सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया. जिसका परिणाम ये हुआ कि कंपनी के एक कर्मचारी की मौत हो गयी.
पांच सदस्यीय समिति ने कार्य स्थल पर सुरक्षा उपायों की कमी का विवरण देते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि कमेटी रिपोर्ट और सुरक्षा मानदंडों के अनुसार जब कर्मचारी तेल टैंक की सफाई करने के लिए अंदर जाता है तो उसको सेफ्टी बेल्ट पहनना जरूरी होता है. साथ ही दो अन्य कर्मचारियों को उसकी सेफ्टी बेल्ट को ऊपर की तरफ से पकड़ना होता है. अगर तेल टैंक की सफाई करने में कर्मचारी को किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो अन्य कर्मचारियों को सेफ्टी बेल्ट पकड़कर ऊपर की तरफ खींचना चाहिए. नियम के अनुसार तेल टैंक के अंदर उतरने वाले कर्मचारी को ऑक्सीजन सिलेंडर भी जरूर दिया जाना चाहिए. साथ ही तेल टैंकरों में हवा आने-जाने के छेद भी बने होने चाहिए. लेकिन तेल कंपनी ने इस तरह के कोई भी छेद टैंकरों में नहीं दिए थे.
कमेटी समिति और सुरक्षा मानदंडों के अनुसार कंपनी को अपने यहां ऐसे अनुभवी कर्मचारियों को रखना चाहिए था जो अन्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण तरीके से देखरेख करने के साथ उन्हें अच्छी तरह से काम के बारे में भी समझा सकें. लेकिन इस कंपनी में ऐसे कोई भी अनुभवी कर्मचारी नहीं पाए गए.
मृतक कर्मचारी को नहीं है काम का अनुभव
पेद्दापुरम डीएसपी मुरली मोहन ने कहा कि काम का अनुभव ना होने के कारण कंपनी के कर्मचारी की मौत हो गई थी. उन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट को बताया कि फैक्ट्री को चलाने के लिए कंपनी विभाग से लाइसेंस नहीं लिया गया था और बिना अनुभव वाले कर्मचारियों को काम पर रखा गया था. इस वजह से कंपनी के मालिकों और सुपरवाइजर को अरेस्ट किया है. इसके अलावा भी कंपनी में ऐसी दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आ चुके हैं.
इससे पहले काकिनाड़ और शहर के आसपास के क्षेत्रों में इस तरह की दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. ऐसे मामलों के बावजूद किसी भी कंपनी के मालिक की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी. लेकिन ऐसे मामलों में कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारियां हुईं थी. हालांकि पुलिस ने ये भी बताया कि पिछले मामलों में कंपनियों के लाइसेंस थे.
डीएसपी ने कहा कि आईपीसी की धारा 304 ए और एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया है. आगे की जांच जारी है.
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