प्रद्युम्न मर्डर: फंसी हरियाणा की पुलिस, कंडक्टर ने लगाया थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप
प्रद्युम्न मर्डर केस में जेल से छूटे बस कंडक्टर अशोक ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि उन्हें हरियाणा पुलिस ने ना केवल बुरी तरह मारा पीटा बल्कि करंट भी लगाया.
नई दिल्ली: प्रद्युम्न मर्डर केस में जेल से छूटे बस कंडक्टर अशोक ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि उन्हें हरियाणा पुलिस ने ना केवल बुरी तरह मारा पीटा बल्कि करंट भी लगाया. उन्होंने कहा कि पुलिस चाहती थी कि अशोक हत्या के आरोप को कबूल कर ले और इसी वजह से उसके साथ बेइंतिहा मारपीट की गई.
एबीपी न्यूज़ के साथ बीत करते हुए अशोक ने कहा कि पुलिस ने उसे टॉर्चर किया. पुलिस ने लाठी से उसे मारा साथ ही करंट भी लगाया. हालांकि जेल से छूटे अशोक की स्थिति अभी सही नहीं है. वह काफी कमजोर महसूस कर रहा है.
उसकी मां ने कहा कि जब भी उनकी बात अशोक से होती थी तो वो कहता था कि मैं बेकसूर हूं. जब वो लौटा तो मुझसे लिपट कर रोने लगा. तब से कोई बात नहीं हुई है.
अशोक 76 दिनों बाद पहुंचा अपने घर
रायन इंटरनेशनल स्कूल का बस कंडक्टर अशोक कुमार जेल से रिहा हो गया और 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद घर पहुंच गया. कुमार को कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अशोक कुमार ने रिहाई के बाद मीडिया से कहा, "मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया."
उसके परिवार ने कहा कि यह एक बड़ी राहत है कि उसके परिवार का बेगुनाह सदस्य घर लौट आया. परिवार के एक सदस्य ने कहा, "हरियाणा पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर उसे अपराध कबूल करने के लिए मजबूर किया. पुलिस ने उसे नशा भी दिया."
कुमार के वकीलों ने उसकी जमानत का आदेश जेल प्रशासन को बुधवार को अपराह्न् तीन बजे के बाद सौंपा और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कानूनी दस्तावेजों की छानबीन करने के बाद कुमार को रात लगभग आठ बजे रिहा कर दिया गया."
सोहना के पास स्थित कुमार के गांव घमरोज के प्रमुख लोग सुबह से भोडसी जेल के बाहर मौजूद थे, और उन्होंने अशोक के बाहर निकलने के बाद उसका स्वागत किया. उल्लेखनीय है कि 42 वर्षीय कुमार को ठीक उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था, जिस दिन सात वर्षीय प्रद्युम्न का शव स्कूल के बाथरूम में पाया गया था. उसका गला रेता हुआ था.