नई दिल्ली: कांग्रेस सरकार के दौरान हुई आगुस्ता वैस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में हुई गड़बड़ी के मामले में बड़ी गिरफ्तारी हुई है. प्रवर्तन निदेशालय ने दुबई की कंपनी से जुड़ी महिला को गिरफ्तार किया है. शिवानी सक्सेना नाम की महिला कंपनी में डायरेक्टर के पद पर थी. आरोप है कि इसी कंपनी में घूस किया गया पैसा आया था.


शिवानी सक्सेना दुबई में यूएचवाई सक्सेना और मैट्रिक्स होल्डिंग नाम की दो कंपनियों में डायरेक्टर है. घूस के लिए अगूस्ता वेस्टलैंड से जो 58 मिलियन यूरो की जो रकम आयी थी वो दो तीन कंपनियों से गुजरी हुई आयी थी. इन कंपनियों में शिवानी सक्सेना की यूएचवाई सक्सेना और मैट्रिक्स होल्डिंग भी शामिल थीं.


फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है कि जिन खातों में शिवानी की कंपनियों के जरिए पैसा भेजा गया वो किन लोगों के खाते थे. इसी आधार पर पता चल सकेगा कि रिश्वत की रकम भारत में किन लोगों के पास आयी थी.


क्या है आगूस्ता वेस्टलैंड घूस कांड ?
भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी आगूस्ता से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था. जब ये सौदा किया गया तब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए शासन का दौर था, तब वायुसेना के प्रमुख एसपी त्यागी थे. माना जाता है कि सौदा करने के लिए कुल सौदे के 10 फीसदी यानी करीब 350 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी.


साल 2012 में इस सौदे में घोटाले की बात सामने आई. घोटाले के हंगामे के बीच 2013 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए इस सौदे को रद्द कर दिया था. भारत ने ये सौदा आगूस्ता वेस्टलैंड कंपनी से किया था और हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी का नाम है फिनमेक्कनिका.