भोपाल गैंगरेप: पीड़िता ने सुनाई आपबीती, कहा- एक थाने से दूसरे थाने दौड़ाती रही पुलिस
31 अक्टूबर की शाम सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही छात्रा कोचिंग से वापस आ रही थी. इसी दौरान हबीबगंज इलाके में रेलवे ट्रैक के पास कुछ बदमाशों ने उसके साथ डरा-धमका कर गैंगरेप किया.
भोपाल: कोचिंग से वापस आ रही सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही छात्रा के साथ बलात्कार मामले में पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, चौथा आरोपी अभी भी फरार है. इस पूरे मामले में पुलिस के रवैये सवालों का कटघरे में है.
इस बीच गैंगरेप पीड़ित ने पहली बार अपनी आपबीती सुनाई है. उसने पुलिस पर सवाल उठाए हैं. पीड़िता ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा, ''पुलिस ने जिस तरह ढीला रवैया अपनाया वो बेहद खराब था. मुझे एक थाने से दूसरे थाने भेजते रहे लेकिन शिकायत तक नहीं लिखी. पीड़िता ने आरोपियों को फांसी देने की मांगी की है.''
ऐसे लोगों को चौराहे पर फांसी देनी चाहिए- पीड़िता पीड़िता ने कहा, ''ऐसे लोग अगर छूट गए तो दूसरे लोगों के साथ भी यही काम करेंगे. इन्हें ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिससे आगे किसी के साथ ऐसी घटना हो ही ना. ऐसे लोगों को चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए.''
आरोपी गुनाह कबूल रहा था, पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया- पीड़िता पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीड़िता ने कहा, "इस मामले में सबसे घटिया पुलिस का व्यवहार था. इस थाने से उस थाने और उस थाने से इस थाने दौड़ाती रही. कम से कम तीन चार थाने में हम चक्कर लगाते रहे. आरोपी को पकड़ लिया वो मेरे सामने खड़ा होकर गुनाह कबूल कर रहा था तब भी पुलिस केस दर्ज नहीं किया. हम देर शाम तक परेशान होते रहे."
पुलिस ने नहीं हमने पकड़ा आरोपी को- पीड़िता पीड़िता ने बताया, "आरोपियों को पुलिस ने नहीं बल्कि मेरे मम्मी पापा ने पकड़ा था. सुबह हम पहली बार आठ बजे एमपी नगर थाने पहुंचे, वहां के अधिकारी ने घटना स्थल का दौरा किया और कह दिया ये हमारे एरिया में नहीं आता. उसके बाद हम वहां से निकले तो एक बस्ती में गए तो वहां एक आरोपी ताश खेल रहा था. मैंने उसे पहचान लिया. हम लोग उसे पकड़ कर थाने लाए.''
जीआरपी पुलिस सबसे ज्यादा बदतमीज थी- पीडि़ता पीड़िता ने कहा, ''इस पूरे मामले में सिर्फ हबीबगंज थाने की पुलिस ने सपोर्ट किया. जबकि एमपी नगर थाने और जीआरपी पुलिस का रवैया बहुत बदतमीजी भरा था. जीआरपी पुलिस ने तो बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं किया.''
एसपी के बयान पर फूटा पीडि़ता का गुस्सा आपको बता दें कि जब इलाके की एसपी से पत्रकारों ने सवाल किया कि पीड़िता एक थाने से दूसरे थाने कैसे भटकती रही तो उन्होंने बात हंसी में उड़ा दी. इसके बाद उन्होंने जवाब दिया कि वो लोग भी अपने ही हैं उनकी क्या बुराई करना.
एसपी के इस बयान पर भी पीड़िता का गुस्सा फूटा है. पीड़िता ने कहा, ''वो पुलिस की एसपी हैं और एक महिला भी हैं. इसके बावजूद वो ऐसी बात कैसे कह सकती हैं. मैंने सबकुछ देख लिया है, अब मैं पुलिस के लिए कुछ नहीं कहना चाहती.''कोचिंग से लौट रही थी छात्रा, रेलवे ट्रैक के पास हुआ गैंगरेप 31 अक्टूबर की शाम सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही छात्रा कोचिंग से वापस आ रही थी. इसी दौरान हबीबगंज इलाके में रेलवे ट्रैक के पास कुछ बदमाशों ने उसके साथ डरा-धमका कर गैंगरेप किया. घटना के बाद वह किसी तरह भागकर हबीबगंज स्टेशन के पास बने सरकारी क्वार्टर स्थित अपने घर पहुंची. जानकारी के मुताबिक पिता रेलवे पुलिस (आरपीएफ) में सब इंस्पेक्टर हैं.
पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई, शिवराज सिहं ने बुलाई बैठक इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जीआरपी समेत 3 थाना प्रभारियों और दो एसआई को सस्पेंड किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों की बैठक बुलाई. केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी करवाने की बात कही जा रही है.
क्या कहते हैं मध्यप्रदेश के आंकड़े? नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, रेप के मामलों में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है. 2015 में मध्य प्रदेश में रेप की 4391 वारदातें हुईं यानी हर दिन 12. NCRB के 2015 के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में हर दो घंटे में रेप की एक वारदात होती है.