भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में धार्मिक स्थल को लेकर दो समुदायों के बीच हुए विवाद ने मंगलवार रात हिंसा का रूप ले लिया. उपद्रवियों ने पथराव करते हुए कई वाहनों में आग लगा दी. सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रही अफवाहों के मद्देनजर पुराने भोपाल के कुछ क्षेत्रों में बुधवार को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शहर की फिजा अगर किसी ने खराब करने की कोशिश की, तो वह कुचल दिये जाएंगे.
रमन सिंह सिकरवार ने बुधवार को बताया- अब हालात सामान्य हैं
भोपाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक रमन सिंह सिकरवार ने बुधवार को बताया, "अब हालात सामान्य हैं. पुलिसबल की तैनाती की गई है. 12 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है." उन्होंने आगे कहा कि, "कुछ शरारती तत्व सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैला रहे हैं, इसे ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, ताकि शरारती तत्वों के मंसूबे पूरे न हो सकें."
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तनाव और हिंसा भड़काने में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है
तनाव और हिंसा भड़काने में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है, सोशल मीडिया के जरिए लोगों ने हमीदिया अस्पताल के आसपास जमा होने की अपील की थी. उसी के बाद मंगलवार को हिंसा भड़की. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पुराने भोपाल क्षेत्र स्थित हमीदिया अस्पताल परिसर में भवन निर्माण के दौरान खुदाई में धार्मिक स्थल के अवशेष मिलने पर पर एक समुदाय ने अपना दावा किया. लेकिन, मंगलवार देर रात एक समुदाय विशेष के लोग पीरगेट इलाके में जमा हुए और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया.
स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते दो दिनों से तनाव के हालात बन रहे थे
स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते दो दिनों से तनाव के हालात बन रहे थे, लेकिन मंगलवार रात इस तनाव ने हिंसक रूप ले लिया. दोनों समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया. दुकानों और सड़क किनारे खड़े कई वाहनों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी. पथराव में उपद्रवियों के साथ जवान भी घायल हुए. पुलिस के मुताबिक, हालात बिगड़ते देख रैपिड एक्शन फोर्स बुलाई गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की.
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