नई दिल्ली: पहले फोर्टिस, फिर मैक्स और अब दिल्ली के एक और प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. ग्वालियर के रहने वाले नीरज गर्ग ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के करोल बाग स्थित बीएल कपूर अस्पताल की लापरवाही के चलते उनकी बच्ची की जान चली गई और बच्ची की मौत के बाद अस्पताल ने उन्हें 19 लाख का बिल थमा दिया.

मामला दिल्ली के करोल बाग स्थित नामी बीएल कपूर अस्पताल का है. जहां नीरज गर्ग ने 31 अक्टूबर को अपनी बेटी को इलाज के लिए भर्ती कराया था. 11 नवंबर को अस्पताल में बच्ची का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया. 23 नवंबर को बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी. जांच में इंफेक्शन की शिकायत मिली.



नीरज का आरोप है कि इससे पहले भी उन्होंने डॉक्टरों से बच्ची को लगातार बुखार होने की बात कही थी, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टरों ने बच्ची को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया. 25 नवंबर को डॉक्टरों ने कहा अब बच्ची को बचाया नहीं जा सकता.

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार किया है. वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आरोपों पर अस्पताल का बचाव कर रहा है. ये पहला मौका नहीं है जब देश के किसी निजी अस्पताल पर इस तरह के संगीन आरोप लगे हैं. इससे पहले भी मैक्स और फोर्टिज अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लग चुके हैं.

बता दें कि दिल्ली सरकार शालीमार बाग मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर चुकी है. वहीं फोर्टिज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है और इस बीच बीएल कपूर अस्पताल पर लापरवाही के इल्जाम लगने के बाद इलाज के नाम पर लूट के आरोप और गंभीर हो गए हैं. हालांकि अभी इस मामले में अस्पताल का पक्ष सामने आने बाकी है.