पणजी : गोवा के सदा जेल में मंगलवार रात को हुए क़ैदियों की आपसी झड़प में गैंगस्टर विनायक कारबोटकर की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जेल में मौजूद 49 क़ैदियों की आपसी झड़प के बाद सभी क़ैदी मौक़ा देखकर भागने की फ़िराक़ में थे. लेकिन, जेल स्टाफ़ और करीब 200 पुलिसकर्मियों ने इन क़ैदियों के इरादों को विफल कर दिया.


सुनियोजित तरीक से पहले जेल में मारपीट शुरु की या फिर...


अब सवाल उठता है कि भागने के लिए क़ैदियों ने सुनियोजित तरीक से पहले जेल में मारपीट शुरु की या वाक़ई में किसी बात को लेकर झड़प हुई. साथ ही मौक़ा देखकर क़ैदी फ़रार होने की कोशिश करने लगे या फिर गैंगस्टर विनायक कारबोटकर की हत्या करने के लिए ही जेल में गैंगवॉर हुआ.


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गोवा के वास्को स्थित सदा जेल, गोवा के पूराने जेलों में से एक


गोवा के वास्को स्थित सदा जेल, गोवा के पूराने जेलों में से एक है. सदा जेल में मंगलवार गैंगवॉर हुआ जिसमें गैंगस्टर विनायक कारबोटकर की मौत हो गई. इसमें दो जेल अधिकारी भी घायल हो गए. इस हादसे में क़ैदियों ने जेल का पूरा सामान तहस-नहस तर दिया. सलाखों को तोड़कर जेल से भागने की कोशिश भी इन क़ैदियों ने की.



प्रशासन ने समय पर कार्रवाई करते हुए इन क़ैदियों को धरदबोचा


जेल प्रशासन ने समय पर कार्रवाई करते हुए इन क़ैदियों को धरदबोचा. मारे गए गैंगस्टर विनायक ने पिछले साल गोवा के कोलवाल जेल में बड़े गैंगस्टर अश्फ़ाक बेंगरे की हत्या की थी. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या अश्फ़ाक गिरोह के लोगों ने विनायक की हत्या. इन सब सवालों के जवाब जेल प्रशासन गृह सचिव को जल्द अपनी रिपोर्ट में सौंपेंगे.


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जाँच में ये पता चला है कि क़ैदी जेल तोड़कर भागने की तैयारी में थे


लेकिन, प्राथमिक जाँच में ये पता चला है कि क़ैदी जेल तोड़कर भागने की तैयारी में थे. हालांकि जेल प्रशासन का कहना है कि झड़प किस वजह से शुरु हुई इसके बारे में फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं है. इस बीच क़ैदियों का कहना है कि झड़प कि शुरूआत विनायक ने ही की थी.


विनायक को पुलिस जेल लेकर आई थी तब वो नशे में लग रहा था


जेल अधिकारियों का भी कहना है कि मंगलवार रात जब विनायक को पुलिस जेल लेकर आई थी तब वो नशे में लग रहा था. संभव है कि विनायक ने ही झगड़े की शुरूआत की हो. क़ैदियों ने जेल के अंदर इतना उत्पात मचाया कि जेल की टयूबलाइट से लेकर, फ़र्नीचर, जेल कि गाड़ियों तक तोड़ फोड़कर रख दी. दरअसल सदा जेल के मरम्मत का काम किया जाना है.



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क़ैदियों को गोवा के कोलवाल जेल में शिफ्ट किया जा रहा है


इसीलिए इस जेल के क़ैदियों को गोवा के कोलवाल जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. ये 49 क़ैदी आख़री बचे हुए क़ैदी थे जिन्हें 26 जनवरी के बाद शिफ्ट किया जाना था. बताया जाता है कि कोलवाल सेंट्रल जेल से भागना इतना आसान नहीं है. इसीलिए जेल से भागने की आख़री कोशिश करने के लिए क़ैदियों ने ये सब किया.