नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी कांड को दस दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन 11 लोगों की मौत कैसे हुई यह सवाल अब भी बना हुआ है. पुलिस धार्मिक एंगल के साथ हत्या के नजरिये से भी पूरे मामले की जांच कर रही है. इस बीच एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें मरने वाले तीन बच्चे जूते खरीद रहे हैं. वीडियो जूते की दुकान 'बीके शू' की है. इसमें ललित के भाई के बच्चे नीतू, ध्रुव और शिवम 30 जून यानी घटना वाली शाम को इलाके के ही दुकान से जूते खरीद रहे हैं.


दुकानदार महेंद्र पाल के मुताबिक, 800 रुपए का बिल था जिसमें से 300 रुपए बकाया अगले दिन देने के लिए नीतू ने कहा था. सोमवार से स्कूल भी खुलने वाले थे. इससे लगता है कि परिवार घर में होने वाले अनुष्ठान को लेकर बिल्कुल सामान्य था और उसे विश्वास था कि उन्हें कुछ नहीं होगा. पुलिस ने दुकानदार से भी पूछताछ की है.


आपको बता दें कि इससे पहले पुलिस जांच में एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया था. जिसमें साफ दिख रहा है कि फांसी में जिन स्टूल का इस्तेमाल हुआ है उसे घर की बड़ी बहू लेकर आती है. सीसीटीवी फुटेज में यह साफ नजर आ रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि दो अन्य वायर लेकर आते हैं. ये वही वायर है जिसे कपड़े के साथ लपेटकर फांसी लगाई गई थी.


आपको बता दें कि पुलिस ने इस मामले में अब तक परिवार के करीबियों, रिश्तेदारों, आसपास के लोगों और कई अन्य से पूछताछ की है. कई लोगों के लिखित बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा है. 11 लोगों में से 6 लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट कल आई थी आज सभी शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने की उम्मीद है.


पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अभी तक की जांच में किसी तांत्रिक की भूमिका की बात सामने नहीं आई है. मौत की वजह फांसी लगना ही है. मरने वालों का विसरा अब आज जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जायेगा. साथ ही पुलिस घर से बरामद किये गये रजिस्टर की हैंड राइटिंग की जांच भी करवाएगी.


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एक जुलाई को बुराड़ी में एक घर में एक साथ 11 लोगों की लाश मिलने के बाद सनसनी फैल गई थी. पुलिस ने जांच के दौरान एक रजिस्टर बरामद किया था. जिसमें मोक्ष की प्राप्ति जैसे शब्दों का जिक्र था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "रजिस्टर में लिखित बातों के अनुसार, ललित अपने मृत पिता की आत्मा के बस में था. यह एक प्रकार का मानसिक विकार है. हमने मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ से भी मदद ली. हम इस नतीजे पर पहुंचे कि यह साझा मनोवैज्ञानिक विकार का मामला है, जिसके अंतर्गत धार्मिक अनुष्ठान एक सामूहिक आत्महत्या का कारण बना."


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