नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी में 11 मौतों के मामले में क्राइम ब्रांच ने रजिस्टर में लिखी बातों से एक अहम खुलासा किया है कि ललित अपने पिता के अलावा 4 और अन्य लोगो की आत्मा को मुक्ति दिलाना चहता था. ऐसा अंदेशा है कि घटना वाली रात इसीलिए भी इस क्रिया की तैयारी की गई थी.


9 जुलाई 2015 को लिखे एक पन्ने में लिखा है कि "अपने सुधार में गति बढ़ा दो, तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुम भटक जाते हो पर फिर एक दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे मेल मिलाप कर लेते हो. 5 आत्माएं अभी मेरे साथ भटक रही हैं. अगर तुम अपने में सुधार करोगे तो उन्हें भी गति मिलेगी. तुम तो सोचते होगे कि हरिद्वार जाके सब कुछ कर आएं तो गति मिल जाएगी. जैसे मैं इस चीज़ के लिए भटक रहा हूं ऐसे ही सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद, गंगा देवी मेरे सहयोगी बने हुए हैं. ये भी यही चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ. अगर हमारे नियमित काम पूरे हो जाएंगे तो हम अपने वास को लौट जाएंगे."


ये चार नाम जिनका ज़िक्र रजिस्टर में किया गया है पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये चारों कौन हैं.


उज्जैन से जुड़े इस मामले के तार


बुराड़ी में हुए सामूहिक आत्महत्या के मामले के तार उज्जैन से जुड़ गए हैं. इस मामले में ऐसा चश्मदीद सामने आया है जिसने डेढ़ साल पहले पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. आत्महत्या भले ही डेढ़ साल बाद हो लेकिन आत्महत्या की स्क्रिप्ट डेढ़ साल पहले ही लिखी जा चुकी थी.


उज्जैन की भृर्तरी गुफा मंदिर इलाके में भाटिया परिवार डेढ़ साल पहले गया था. वहां उसने तांत्रिक क्रियाएं भी कराई थी जिसका उल्लेख रजिस्टर में सामने आया है. डेढ़ सौ गज का वह मंदिर जहां पर शिप्रा का तट है वहां पूजा अर्चना की गई थी. इस पूरे मामले का श्रीकांत नामक चश्मदीद भी सामने आ गया है .श्रीकांत धावरे नामक युवक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसने भाटिया परिवार से मुलाकात की थी उस समय भाटिया परिवार बड़ा परेशान था. भाटिया परिवार को तांत्रिक की मुंह मांगी रकम नहीं मिलने पर श्राप भी मिला था. यह कहा गया था कि पूरे परिवार का एक साथ सर्वनाश होगा उज्जैन का भृर्तरी गुफा क्षेत्र तांत्रिक क्रियाओं के लिए फेमस है.