आगरा, एबीपी गंगा। आगरा में देरा रात एक अजीब वाकया सामने आया. यहां एक सवारियों से भरी बस को कुछ फाइनेंसकर्मियों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया. बस में करीब 34 सवारियां थी. बस चालक ने इस पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी. इस बारे में पुलिस का कहना है कि फाइनेंसकर्मियों ने बस को अवैध तरीके से कब्जा किया है. हालांकि, सभी सवारियां, ड्राइवर और स्टाफ सुरक्षित हैं. उल्लखेनीय है कि बस मालिक की एक दिन पहले ही कोरोना संक्रमण से मौत हुई है.
चालक रमेश ने बताया कि वह स्लीपर बस में 34 सवारी लेकर मंगलवार शाम को गुरुग्राम से मप्र के पन्ना में अमानगंज को निकले थे. रात 10.30 बजे वे दक्षिणी बाइपास के रायभा टोल प्लाजा के पास पहुंचे. वहां उन्हें दो गाड़ियों में सवार आठ- नौ युवक मिले. उन्होंने प्लाजा पर ही खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रोक लिया. चालक से बस से नीचे उतरने को कह रहे थे. मगर, जिरह के बाद चालक वहां से बस को लेकर आगे चल दिया. हालांकि, गाड़ी सवार बस का पीछा करते रहे.
मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाइपास पर ही उन्होंने गाड़ी से बस को ओवरटेक करके रोक लिया. चालक और परिचालक को जबरन बस से नीचे उतारकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया. बस में चार साथी बैठ गए और खुद ही बस को चलाने लगे. चालक के मुताबिक, यहां से वे बस को ग्वालियर रोड पर उतारकर सैंया ले गए. सैंया से फतेहाबाद होते हुए लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे. यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया. परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए. चालक और परिचालक को दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए. तड़के चार बजे चालक और परिचालक ने मलपुरा थाने पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी.
पहले आई थी हाईजैक की बात
शुरुआत में जानकारी आई थी कि कुछ लोगों ने फाइनेंसकर्मी बनकर बस को हाईजैक कर लिया. हालांकि, इस पूरे मामले को सुनने के बाद पुलिस ने इसे फाइनेंस का मामला ही माना था. जो कि अब सुलझ भी गया है. पुलिस का कहना है कि बस को अवैध तरीके से कब्जा किया गया है.