नई दिल्ली: 'ब्लू व्हेल' गेम एक ऐसा खूनी खेल है जिसके अंतिम पड़ाव में खेलनेवाले को अपनी जानी देनी पड़ती है. रूस में करीब 160 लोगों की जान लेने के बाद अब ये गेम भारत में भी पहुंच गया है. इस खूनी गेम का पहला शिकार मुंबई के अंधेरी में रहने वाला 14 साल का मासूम बना है.


क्या 'ब्लू व्हेल गेम' की टास्क पूरा करने के लिए 14 साल के बच्चे ने की सुसाइड?


क्या है ये 'ब्लू वेल' गेम और ये कैसे खेला जाता है? आखिर क्यों पता होने के बाद भी लोग अपनी जान गंवा देते है! जानकारों के मुताबिक़ इस गेम की शुरुवात साल 2013 में रूस में हुई. 26 साल के इया सिदोरोव नाम के एक शख्स ने इस गेम को बनाया. ये गेम 'VKontakte' नाम की यूरोपियन सोशल साइट के जरिए खेला जाने लगा.


सिदोरोव पर आरोप है की उसने ख़ुद 16 बच्चों को इस गेम के जरिए आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया. जिस मामले उसकी गिरफ़्तारी भी हुई लेकिन इसके बाद भी यह गेम अमेरिका, इंग्लैंड, सऊदी अरब के बाद भारत तक पहुंच चुका है. ये लोग किशोर अवस्था के बच्चों को इस गेम मे शामिल करते है.


सोशल मीडिया के जरिए दिया जाता है मौत का इंविटेशन


ये गेम क्लोज्ड ग्रुप में खेला जाता है. फेसबुकइंस्टाग्रामट्विटरव्हाट्सएप जैसे साइट्स पर इंविटेशन के जरिए इस गेम में आप शामिल हो सकते हो. इस गेम के कुल 50 पड़ाव होते है जिससे आपको 50 दिनों में पूरा करना होता है. हर पड़ाव में एक चैलेंज आपको दिया जाता है जिसे पूरा करने पर आपको उसकी तस्वीर इस गेम के एडमिन को ग्रुप पर भेजनी होती है.


आप इस गेम से बाहर निकल भी सकते है लेकिन अगर आप गेम से बाहर निकलने की कोशिश करेंगे तो इस गेम को चलाने वाले आपके परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते है.


सब कुछ जानने के बाद आखिर क्यों खेला जाता है मौत का ये खेल?


लेकिन सवाल उठता है कि जब किसी को पता है कि इस गेम में मौत ही होनी है तो लोग इसे क्यों खेलते है? इसी लिए माता पिता को भी उनका बच्चा इंटरनेट पर क्या देखता है क्या करता है इसपर ध्यान देना भी बेहद जरूरी हो जाता है.


पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और इस गेम पर रोक लगाने की सरकार पुरज़ोर कोशिश भी करने जा रही है. जानकार मानते है कि इस गेम को रोकना बेहद मुश्किल काम है, लिहाज़ा माता-पिता को ही अपने बच्चों की हरकत पर ध्यान देना जरूरी है.