नई दिल्ली: सीबीआई ने वडोदरा की कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) के प्रमोटरों एवं निदेशकों को 2,654 करोड़ रुपए के कथित बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
एजेंसी ने कहा कि डीपीआईएल के प्रमोटर सुरेश नारायण भटनागर एवं उनके पुत्र अमित एवं सुमित हैं जो इस फर्म के निदेशक भी हैं. यह कंपनी बिजली के केबल एवं उपकरण बनाती है. इसमें कहा गया कि लोन को 2016-17 में नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर दिया गया था.
सीबीआई के अनुसार, डीपीआईएल ने 11 बैंकों के समूह (सरकारी और निजी दोनों) से 2008 में धोखाधड़ी करके लोन सुविधाएं ली थी जिससे 29 जून 2016 तक उस पर 2,654.40 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया हो गया था.
गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि एजेंसी के अनुरोध पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे. एजेंसी को इन तीनों के ठिकाने के बारे में कल देर रात सुराग मिले जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न टीमों को रवाना किया गया. दयाल ने कहा कि आरोपियों को आज गिरफ्तार किया गया और उन्हें विशेष न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा.
सीबीआई का आरोप है कि कंपनी और उसके निदेशकों को सावधि ऋण एवं ऋण सुविधाएं प्राप्त हो गयीं जबकि वे बैंकों के गठजोड़ द्वारा लोन सीमा की प्रारंभिक अनुमति के समय भारतीय रिजर्व बैंक के बकायादारों की सूची और निर्यात लोन गारंटी निगम की सतर्कता लिस्ट में थे. आरोप है कि फर्म विभिन्न बैंकों के अधिकारियों की सक्रिय मिलीभगत से लोन सुविधा की सीमा को बढ़वाने में कामयाब हो गई.
उदयपुर के एक होटल से किया गिरफ्तार
इससे पहले गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के अधिकारियों ने बताया कि तीन प्रोमोटरों एस.एन भटनागर और उनके बेटों अमित और सुमित को कल रात उदयपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया.
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने भटनागर तिकड़ी को पकड़ने में हमारी मदद मांगी थी. उनके होटल में छिपे होने की खुफिया सूचना के आधार पर गुजरात एटीएस और सीबीआई के संयुक्त दल ने पिछली रात राजस्थान के उदयपुर में छापा मारा और उन्हें पकड़ लिया.’’