WB Post Poll Violence: बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में CBI ने दर्ज किए दो और केस, अब तक हुए 40 मुकदमे
WB Post Poll Violence: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा हुई. सीबीआई ने दो और मुकदमे दर्ज किए हैं. यह झाड़ग्राम और दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा की बाबत दर्ज किए गए हैं.
WB Post Poll Violence: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के मामलों में सीबीआई ने दो और मुकदमे दर्ज किए हैं. यह मुकदमे पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम और दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा की बाबत दर्ज किए गए हैं. आरोप है कि हिंसा की वारदातें राजनीतिक रंजिश के चलते हुई थी. सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मुकदमों की अब तक कुल संख्या 40 हो गई है.
सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक पहला मामला पश्चिम बंगाल के थाना झाड़ग्राम से जुड़ा हुआ है. यह मुकदमा 21 मार्च 2021 को दर्ज किया गया था. FIR में लगाए गए आरोपों के मुताबिक आरोपियों ने चाय की दुकान चलाने वाले एक शख्स पर धारदार हथियारों के साथ जोरदार हमला किया. चाय की दुकान वाला यह शख्स एक राजनीतिक पार्टी से संबंधित बताया जाता था और यह घटना भी राजनीतिक रंजिश के चलते हुई थी. चाय बेचने वाले शख्स को झाड़ग्राम के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. सीबीआई ने इसमें हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
राजनीतिक रंजिश
सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक दूसरा मामला जिला दक्षिण 24 परगना के थाना नरेंद्रपुर से जुड़ा हुआ है. यह एफआईआर 6 मई 2021 को दर्ज की गई थी. FIR में लगाए गए आरोपों के मुताबिक शिकायतकर्ता ने कहा कि राजनीतिक रंजिश के चलते उसके घर पर हमला किया गया. जब उसके पति ने बीच-बचाव की कोशिश की तो हमलावरों ने उस पर धारदार हथियारों समेत हमला किया. घायल को अस्पताल पहुंचाया गया. जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. सीबीआई ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है.
सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में एक राजनीतिक पार्टी से कथित तौर पर जुड़े हुए लोग आरोपी बताए गए हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है. सबूत मिलने पर इस मामले में गिरफ्तारियां हो सकती हैं. ध्यान रहे कि कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने इन मुकदमों की जांच का काम शुरू किया है. यह मुकदमें खुद पश्चिम बंगाल पुलिस ने ही दर्ज किए थे. बाद में आरोप लगाया गया था कि पश्चिम बंगाल प्रशासन इन मामलों की जांच सही तरीके से नहीं कराएगा. लिहाजा इनकी जांच सीबीआई से कराई जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई जांच के आदेश किए थे.
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