नई दिल्ली: रेप के आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बाबा से जुड़े कई राज खोले. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि वीरेंद्र देव अलग-अलग नाम बदलकर विदेश में यात्रा करता है. वीरेंद्र कुमार, वीरेंद्र, वीरेंद्र तक्षित जैसे नामों का इस्तेमान कर वो देश से बाहर जाता है. उसके फोटो के जरिए उसकी पहचान हो पाई.


सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 2 जुलाई 2017 को वीरेंद्र देव की आखिरी लोकेशन नेपाल में ट्रेस की गई थी. नेपाल में उसके आश्रम के कई सेंटर हैं. जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को नेपाल में उसका ठिकाना तलाशने का आदेश दिया है.


इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई करते हुए वीरेंद्र देव के वकील से आश्रम के नाम से विश्विद्यालय हटाए जाने के बारे में बात की थी. जिस पर वकील ने जवाब दिया कि अब नाम बदलकर आध्यात्मिक विद्यालय कर दिया गया है. कोर्ट ने वकील से ये सुनिश्चित करने को कहा था कि देश मे जहां भी सेंटर हैं वहां नाम बदल जाना चाहिए. साथ ही बदले हुए नाम को एक एफिडेविट में दाखिल करने के भी आदेश दिए थे . इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी के नाम से कोई भी स्टडी मैटेरियल नहीं दिया जाएगा.


वीरेंद्र देव दीक्षित के बारे में पूछते हुए चीफ जस्टिस ने वकील से कहा कि आपके फाउंडर कहां हैं. जिस पर वकील ने कहा कि सीबीआई इसकी जांच कर रही है. 1998 से वो किसी एक जगह पर नहीं रहते. मुझे पता नहीं कहां है. अलग अलग जगहों पर जाते रहते हैं. जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि हर बार आप यही कहानी सुनाते हैं. कहने को वो एक आध्यात्मिक गुरु हैं लेकिन किसी को पता ही नहीं कि वो कहां है.


आश्रम में अभी भी रह रही महिलाओं की सुरक्षा के सवाल पर कोर्ट ने कहा कि उन्हें ताले और पिंजड़े में न रखे. जो भी सुरक्षा चाहिए महिलाओं को दी जाएगी. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सदस्य अलग अलग सेंटर पर जाकर औचक निरीक्षण करेंगे. मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी.