नई दिल्ली: सोनू पंजाबन के नाम से मशहूर गीता अरोड़ा के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने 16 साल की नाबालिग के अपहरण और ट्रैफिकिंग मामले में चार्जशीट फाइल कर दी है. पुलिस ने पंजाबन की करीबी संदीप पर भी चार्जशीट फाइल किया है. विभिन्न आरोपियों पर रेप और आपराधिक साजिश करने जैसे जघन्य आरोप हैं. पुलिस का कहना है कि आने वाले समय में इस मामले में और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
फैलता गया साम्राज्य
एक वक्त सोनू खुद कॉलगर्ल थी. लेकिन वक्त बीतने के साथ साथ सोनू का साम्राज्य बढ़ता चला गया. दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी सोनू का जाल फैला हुआ है. वो दलालों की मालकिन है. अलग-अलग इलाकों में फैले हुए दलाल उसके संरक्षण में काम करते हैं. सोनू इन दलालों का इलाका भी तय करती है और मोटे पैसे भी वसूलती है.
ये है सोनू का कहानी
गीता अरोड़ा नाम की कॉलगर्ल उस वक्त सुर्खियों में आई थी जब एक बड़े व्यापारी की लाश उसकी गाड़ी में मिली थी. पुलिस की जांच में से गीता बेहद खूबसूरती से निकल गई. उसकी दोस्ती रोहतक के विजय से हो गई. कहते हैं दोनों ने शादी भी कर ली थी. थोड़े ही दिन बाद विजय यूपी पुलिस के हाथों मारा गया.
इसके बाद गीता की दोस्ती दीपक से हुई. पुलिस पीछे पड़ी तो दीपक असम भाग गया और वहीं एनकाउंटर में मारा गया. दीपक के भाई हेमंत उर्फ सोनू की निगाह में गीता चढ़ गई थी. हेमंत बड़ा अपराधी था उसकी सरपरस्ती में गीता जिस्म के कारोबार की सीढ़ियां चढ़ती चली गई.
कहते हैं दोनों ने शादी कर ली थी. इसी वजह से उसे सोनू पंजाबन कहा जाता है. सोनू हेमंत सोनू के कारण और पंजाबन उसके सरनेम अरोड़ा के कारण. 2006 में गुड़गांव में हेमंत सोनू भी एनकाउंटर में मारा गया.
इसके बाद सोनू ने हाथ थामा अशोक उर्फ बंटी का. बंटी भी दिलशाद गार्डन इलाके में पुलिस के हाथों मारा गया. कहा जाता है कि सोनू पंजाबन ने ही इन चारों की मुखबिरी पुलिस से की थी.
कहा जाता है कि अपराधियों की बेनामी संपत्ति के कारण सोनू ने ये काम किया. किसी वक्त ठोकरें खाने को मजबूर पंजाबन ने देखते देखते कई फ्लैट खरीद लिए और करोड़ों की संपत्ति की मालकिन बन गई. माना जाता है कि पुलिस उसके धंधे में टांग ना लगाए इसलिए भी सोनू ने ये काम किया.
ऐसे करती है काम
सोनू ने धीरे-धीरे दिल्ली के सभी दलालों को अपने साथ मिला लिया. जिसने इंकार किया उसे किनारे लगा दिया गया. उसने सेक्स रैकेट को कारपोरेट में बदल दिया. उसने लड़कियों को फिक्स सैलेरी पर रखा. वो ग्राहक के पैसे में से लड़कियों को पैसे नहीं देती थी. उसने कई लड़कों को भी नौकरी पर रखा. कोई ड्राइवर का काम करता था तो कोई लड़कियों के साथ सुरक्षा के लिए जाता था.
चकाचौंध वाली जिंदगी
माना जाता है कि सोनू पंजाबन का जीवन हमेशा से चकाचौंध भरा रहा. वो कोर्ट में पेशी के लिए भी जाती थी तो बाकी लड़कियां चेहरा छुपाती थीं जबकि वह ऐसा नहीं करती थी. टीवी पर, अखबार में वो खुद को देख कर खुश होती थी. कहा जाता है कि फिल्म फुकरे में भोली पंजाबन का किरदार उसी से मिलता-जुलता है.