(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आसान EMI पर मोबाइल देने का लालच देकर 2500 लोगों को ठगा, अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में
आरोपी मासूम लोगों को कम ईएमआई पर मोबाइल फोन देने का लालच देकर ठगते थे. इसके बाद वे छोटी राशि लेते थे और फिर गायब हो जाते थे
नई दिल्ली: करीब 2,500 लोगों को आसान ईएमआई पर मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के बहाने धोखाबाजी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने एक बीसीए ग्रेजुएट को गिरफ्तार किया है. गाजियाबाद का निवासी आरोपी जितेन्द्र सिंह नकली वेबसाइटों के जरिए लोगों को कम ईएमआई का लालच देता था. इतना ही नहीं पुलिस द्वारा ट्रैकिंग से बचने के लिए वह वर्चुअल प्राइवेट एड्रेस (वीपीए) पर छोटे भुगतान करने के लिए कहता था. मामले में अभी दो आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है.
यह मामला तब सामने आया जब 9 जनवरी को एक शिकायतकर्ता ने गोविंद पुरी पुलिस स्टेशन में एक मामला आईसीपी की धारा 420 के तहत दर्ज किया गया था.
सावधान- ऐसे होती है धोखाधड़ी शिकायतकर्ता ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में वो मोबाइल फोन खरीदने के लिए गूगल के जरिए खोज की थी. तब उसने एक वेबसाइट 'मोबालिटी वर्ल्ड डॉट इन' पर देखा कि वह सस्ते दरों पर ईएमआई के जरिए मोबाइल देने की पेशकश कर रहा था. फिर इस वेबसाइट के एक्जिक्यूटिव ने उन्हें वीपीए 'पेमोबाइल एट द रेट यूपीआई' द्वारा 1,499 रुपये जमा करने का निर्देश दिया.
फिर वेबसाइट के अधिकारियों ने उनसे संपर्क कर डाउन पेमेंट करने के लिए और पैसे जमा करने को कहा, ताकि उन्हें मोबाइल दिया जा सका. इसके बाद उन्होंने एक्जिक्यूटिव द्वारा दिए गए वीपीए पर 5,998 रुपये जमा किए. इसके बाद ना तो उन्हें मोबाइल दिया गया और ना ही एक्जिक्यूटिव ने पैसे वापस किए.
साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा, "पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह सह-आरोपी प्रवीण कुमार और रजत शुक्ला के साथ मिलकर मासूम लोगों को कम ईएमआई पर मोबाइल फोन देने का लालच देकर ठगते थे. इसके बाद वे छोटी राशि लेते थे और फिर गायब हो जाते थे."
2500 से अधिक लोगों को इसी तरह ठगा पिछले 2 सालों के दौरान उन्होंने सिंपलीमोबाइल डॉट कॉम, ईएमआई ऑनलाइन डॉट इन और मोबिलिटी वल्र्ड डॉट इन के नाम से वेबसाइट चलाईं. बचने के लिए वे वेबसाइटों के सेटअप और डोमेन नाम को स्थानांतरित करते रहते थे और पकड़े जाने से बचने के लिए वीपीए के माध्यम से पैसे लेते थे. वे लोगों से 1,999 रुपये से लेकर 7,999 रुपये तक की छोटी राशि लेते थे ताकि पीड़ित पुलिस से संपर्क न करे.
अधिकारी ने कहा, "पूछताछ में उन्होंने बताया है कि अब तक उन्होंने पूरे देश में 2,500 से अधिक लोगों को इसी तरह ठगा है. दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. आगे की जांच जारी है."
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